दुनिया मे देव हजारो हैं बजरंग बली का क्या कहना (Duniya Me Dev Hazaro Hai Bajrangbali Ka Kya Kahna)

दुनिया मे देव हजारो हैं, बजरंग बली का क्या कहना

इनकी शक्ति का क्या कहना, इनकी भक्ति का क्या कहना

दुनिया मे देव हजारो हैं, बजरंग बली का क्या कहना


ये सात समुन्दर लांग गए और गढ़ लंका मे कूद गए

रावन को डराना क्या कहना, लंका को जलाना क्या कहना

दुनिया मे देव हजारो हैं बजरंग बली का क्या कहना


जब लक्ष्मन जी बेहोश हुए, संजीवनी बूटी लाने गए

परबत को उठाना क्या कहना, लक्ष्मन को जिवाना क्या कहना

दुनिया मे देव हजारो हैं बजरंग बली का क्या कहना


‘बनवारी’ इनके सीने मे सिया राम की जोड़ी रहती है

ये राम दिवाना क्या कहना, गुण गाये जमाना क्या कहना

दुनिया मे देव हजारो हैं बजरंग बली का क्या कहना

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लाल लाल चुनरी की अजब कहानी (Lal Lal Chunari Ki Ajab Kahani)

लाल लाल चुनरी की अजब कहानी,
ओढ़ के आई मेरी अंबे भवानी,

मुरली वाले ने घेर लयी, अकेली पनिया गयी (Murli Wale Ne Gher Layi)

मुरली वाले ने घेर लयी
अकेली पनिया गयी ॥

अथ देव्यपराधक्षमापनस्तोत्रम् (Ath Devyaparadha Kshamapana Stotram)

देव्यपराधक्षमापनस्तोत्रम्, माँ दुर्गा का एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है। इसे आदि गुरु शंकराचार्य ने लिखा था। यह उनकी सर्वश्रेष्ठ और कानों को सुख देने वाली स्तुतियों में से एक है।

मेरा सर ढकने की माई तेरी चूनर काफी है

धूप समय की लाख सताए मुझ में हिम्मत बाकी है।
धूप समय की लाख सताए मुझ में हिम्मत बाकी है।
मेरा सर ढकने को माई तेरी चूनर काफ़ी है।

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