हे शिव शम्भू नमस्तुभ्यं(Hey Shiv Shambhu Namastubhyam)

हे शिव शम्भू नमस्तुभ्यं,

हे गंगाधर नमस्तुभ्यं,

महाकालम नमस्तुभ्यं,

हे नंदीश्वर नमस्तुभ्यं,

हे शिव शम्भु नमस्तुभ्यं,

हे गंगाधर नमस्तुभ्यं ॥


नमस्ते सुरप्रिया धारम,

नमस्ते युग सृजन हारम,

उमा नाथम नमस्तुभ्यं,

हे बाघेश्वर नमस्तुभ्यं,

हे शिव शम्भु नमस्तुभ्यं,

हे गंगाधर नमस्तुभ्यं ॥


नमस्ते पशुपति नाथम,

त्रयम्बक हे भुजंग धारम,

जटा धारम नमस्तुभ्यं,

हे रामेश्वरम नमस्तुभ्यं,

हे शिव शम्भु नमस्तुभ्यं,

हे गंगाधर नमस्तुभ्यं ॥


नमस्ते नील कंठेश्वर,

नमस्ते ओमकारेश्वर,

‘देवेंद्र कुलदीप’ करे वंदन,

हे करुणाकर नमस्तुभ्यं,

हे शिव शम्भु नमस्तुभ्यं,

हे गंगाधर नमस्तुभ्यं ॥


हे शिव शम्भू नमस्तुभ्यं,

हे गंगाधर नमस्तुभ्यं,

महाकालम नमस्तुभ्यं,

हे नंदीश्वर नमस्तुभ्यं,

हे शिव शम्भु नमस्तुभ्यं,

हे गंगाधर नमस्तुभ्यं ॥

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1 से 7 अप्रैल 2025 व्रत/त्योहार

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