रात भादो की थी, छाई काली घटा(Raat Bhado Ki Thi Chhai Kali Ghata)

रात भादो की थी,

छाई काली घटा,

कृष्ण का जन्म लेना,

गजब हो गया,

पहरे दार सभी,

सो गए जेल के,

माया भगवन की रचना,

गजब हो गया,

रात भादों की थी,

छाई काली घटा ॥


लेके मोहन को,

वसुदेव गोकुल चले,

नाम भगवन का,

ह्रदय में लेके चले,

देखे यमुना के तट पे,

है मोहन खड़े,

पैर यमुना का छुना,

गजब हो गया,

रात भादों की थी,

छाई काली घटा ॥


जाके गोकुल से,

वसुदेव लाए लली,

और मोहन को छोड़ा,

लली की जगह,

जब सुबह को खबर,

कंस ने ये सुनी,

उसका धीरज ना बंधना,

गजब हो गया,

रात भादों की थी,

छाई काली घटा ॥


दौड़ा दौड़ा गया,

वो पापी जेल में,

लेके फोरन चला,

वो उसे मारने,

ज्यूँ ही कन्या को,

ऊपर उठाने लगा,

उसको ऊपर उठाना,

गजब हो गया,

रात भादों की थी,

छाई काली घटा ॥


उसने चाहा की मारू,

शिला से इसे,

छुट के वो गई,

कन्या आकाश में,

करने आकाश वाणी,

वो कन्या लगी,

तेरा कन्या को मारना,

गजब हो गया,

रात भादो की थी,

छाई काली घटा ॥


रात भादो की थी,

छाई काली घटा,

कृष्ण का जन्म लेना,

गजब हो गया,

पहरे दार सभी,

सो गए जेल के,

माया भगवन की रचना,

गजब हो गया,

रात भादों की थी,

छाई काली घटा ॥

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रामनवमी पर रामलला की पूजा विधि

देशभर में रामनवमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इसलिए, राम भक्त पूरे साल इस दिन का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार करते हैं। यह हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है।

तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे बलिहार(Teri Mand Mand Mushakniya Pe Balihar)

तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे,
बलिहार संवारे जू ।

मार्च में मासिक कार्तिगाई कब मनाई जाएगी

मासिक कार्तिगाई दक्षिण भारत में मनाया जाने वाला प्रमुख त्योहार है, जो भगवान मुरुगन को समर्पित होता है। यह त्योहार हर महीने कृतिका नक्षत्र के प्रबल होने वाले दिन मनाया जाता है।

जब भी नैन मूंदो(Jab Bhi Nain Mundo Jab Bhi Nain Kholo)

जय राधे कृष्णा,
जय राधे कृष्णा,

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