राम नाम के हीरे मोती, मैं बिखराऊँ गली गली(Ram Nam Ke Heere Moti Main Bikhraun Gali Gali)

राम नाम के हीरे मोती,

मैं बिखराऊँ गली गली ।

कृष्ण नाम के हीरे मोती,

मैं बिखराऊँ गली गली ।


ले लो रे कोई राम का प्यारा,

शोर मचाऊँ गली गली ।

ले लो रे कोई श्याम का प्यारा,

शोर मचाऊँ गली गली ।


माया के दीवानों सुन लो,

एक दिन ऐसा आएगा ।

धन दौलत और माल खजाना,

यही पड़ा रह जायेगा ।

सुन्दर काया मिट्टी होगी,

चर्चा होगी गली गली ॥

बोलो राम बोलो राम,

बोलो राम राम राम ।


ले लो रे कोई राम का प्यारा,

शोर मचाऊँ गली गली ।

ले लो रे कोई श्याम का प्यारा,

शोर मचाऊँ गली गली ।

॥ राम नाम के हीरे मोती...॥


क्यों करता तू मेरा मेरी,

यह तो तेरा मकान नहीं ।

झूठे जन में फंसा हुआ है,

वह सच्चा इंसान नहीं ।

जग का मेला दो दिन का है,

अंत में होगी चला चली ॥


ले लो रे कोई राम का प्यारा,

शोर मचाऊँ गली गली ।

ले लो रे कोई श्याम का प्यारा,

शोर मचाऊँ गली गली ।

॥ राम नाम के हीरे मोती...॥


जिन जिन ने यह मोती लुटे,

वह तो माला माल हुए ।

धन दौलत के बने पुजारी,

आखिर वह कंगाल हुए ।

चांदी सोने वालो सुन लो,

बात सुनाऊँ खरी खरी ॥

बोलो राम बोलो राम,

बोलो राम राम राम ।


ले लो रे कोई राम का प्यारा,

शोर मचाऊँ गली गली ।

ले लो रे कोई श्याम का प्यारा,

शोर मचाऊँ गली गली ।

॥ राम नाम के हीरे मोती...॥


दुनिया को तू कब तक पगले,

अपनी कहलायेगा ।

ईश्वर को तू भूल गया है,

अंत समय पछतायेगा ।

दो दिन का यह चमन खिला है,

फिर मुरझाये कलि कलि ॥

बोलो राम बोलो राम,

बोलो राम राम राम ।


राम नाम के हीरे मोती,

मैं बिखराऊँ गली गली ।

कृष्ण नाम के हीरे मोती,

मैं बिखराऊँ गली गली ।


ले लो रे कोई राम का प्यारा,

शोर मचाऊँ गली गली ।

ले लो रे कोई श्याम का प्यारा,

शोर मचाऊँ गली गली ।


बोलो राम बोलो राम,

बोलो राम राम राम ।

बोलो राम बोलो राम,

बोलो राम राम राम ।

........................................................................................................
परदे में बैठे, यूँ ना मुस्कुराइये (Parde Me Bethe Bethe Yun Na Muskuraiye)

परदे में बैठे-बैठे,
यूँ ना मुस्कुराइये,

कान्हा रे थोडा सा प्यार दे (Kanha Re Thoda Sa Pyar De)

कान्हा रे थोडा सा प्यार दे,
चरणो मे बैठा के तार दे,

महल को देख डरे सुदामा (Mahal Ko Dekh Dare Sudama)

महल को देख डरे सुदामा
का रे भई मोरी राम मड़ईया

श्री विश्वकर्मा चालीसा (Shri Vishwakarma Chalisa)

श्री विश्वकर्म प्रभु वन्दऊं, चरणकमल धरिध्यान।
श्री, शुभ, बल अरु शिल्पगुण, दीजै दया निधान॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।