रमतो भमतो जाय, आज माँ नो गरबो(Ramto Bhamto Jay Aaj Maa No Garbo)

रमतो भमतो जाय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय,

पवन झपाटा खाय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय,

रमतों भमतों जाय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय ॥


माँ ना गरबा मा नवलख तारला,

माँ ना गरबा मा नवलख तारला,

अम्बिका ने माथे सुहाय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय,

रमतों भमतों जाय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय ॥


इरे गरबो चवद ब्रम्हांड फरतो,

इरे गरबो चवद ब्रम्हांड फरतो,

जल हल जल हलकाय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय,

रमतों भमतों जाय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय ॥


वाया वाया रे काई तोफानी बायरा,

वाया वाया रे काई तोफानी बायरा,

तोये ना जाखो थाय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय,

रमतों भमतों जाय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय ॥


चाँदा सूरज नि ज्योतु रे जलती,

चाँदा सूरज नि ज्योतु रे जलती,

समदर ना दिविल क़ुराय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय,

रमतों भमतों जाय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय ॥


रमतो भमतो जाय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय,

पवन झपाटा खाय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय,

रमतों भमतों जाय,

आज माँ नो गरबो रमतो जाय ॥


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माँ की लाल रे चुनरिया, देखो लहर लहर लहराए(Maa Ki Laal Re Chunariya Dekho Lahar Lahar Lehraye)

माँ की लाल रे चुनरिया,
देखो लहर लहर लहराए,

सरस्वती अमृतवाणी (Saraswati Amritwani)

सुरमय वीणा धारिणी,
सरस्वती कला निधान,

शिव पूजा में मन लीन रहे मेरा (Shiv Puja Mai Mann Leen Rahe Mera)

शिव पूजा में मन लीन रहे,
मेरा मस्तक हो और द्वार तेरा ।

भगवान दत्तात्रेय की पौराणिक कथा

मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा के दिन भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश इन तीनों देवों के अंश माने जाने वाले भगवान दत्तात्रेय का जन्म हुआ था। भगवान दत्तात्रेय को गुरु और भगवान दोनों की उपाधि दी गई है।

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