तुम करुणा के सागर हो प्रभु (Tum Karuna Ke Sagar Ho Prabhu)

तुम करुणा के सागर हो प्रभु

मेरी गागर भर दो थके पाँव है

दूर गांव है अब तो किरपा कर दो

तुम करुणा के सागर हो प्रभु

हरे कृष्णा हरे कृष्णा,

कृष्णा कृष्णा हरे हरे

हरे राम हरे राम,

राम राम हरे हरे

क्लेश द्वेष से भरा ये मन है,

मैला मेरा तन है

तुम कृपाला दीन दयाला,

तुमसे ही जीवन है

इस तन मन को उपवन करने,

का वरदान वर दो


तुम करुणा के सागर हो प्रभु

हरे कृष्णा हरे कृष्णा,

कृष्णा कृष्णा हरे हरे

हरे राम हरे राम,

राम राम हरे हरे


याचक बन कर खड़ा हूँ द्वारे,

दोनों हाथ मैं जोड़े

परम पिता तुमको मैं जानू,

पिता न बालक छोड़े

दास नारायण करे अर्चना,

मेरी पीरा हर दो


तुम करुणा के सागर हो प्रभु

हरे कृष्णा हरे कृष्णा,

कृष्णा कृष्णा हरे हरे

हरे राम हरे राम,

राम राम हरे हरे

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श्री राम कथा की महिमा को, घर घर में पहुँचाना है (Shri Ram Katha Ki Mahima Ko Ghar Ghar Me Pahuchana Hai)

श्री राम कथा की महिमा को,
घर घर में पहुँचाना है,

मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि

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रण में आयी देखो काली(Ran mein aayi dekho Kali)

रण में आयी देखो काली,
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नमामि श्री गणराज दयाल(Namami Shri Ganraj Dayal)

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