सजा दो घर को गुलशन सा (Sajado Ghar Ko Gulshan Sa)

सजा दो घर को गुलशन सा,

अवध में राम आए हैं,

अवध मे राम आए है,

मेरे सरकार आए हैं,

लगे कुटिया भी दुल्हन सी,

अवध मे राम आए हैं,

सजा दो घर को गुलशन सा,

अवध मे राम आएं हैं ।


पखारों इनके चरणों को,

बहा कर प्रेम की गंगा,

बिछा दो अपनी पलकों को,

अवध मे राम आए हैं,

सजा दो घर को गुलशन सा,

अवध मे राम आए हैं ।


तेरी आहट से है वाकिफ़,

नहीं चेहरे की है दरकार,

बिना देखेँ ही कह देंगे,

लो आ गए है मेरे सरकार,

लो आ गए है मेरे सरकार,

दुआओं का हुआ है असर,

दुआओं का हुआ है असर,

अवध मे राम आए हैं,

सजा दो घर को गुलशन सा,

अवध मे राम आए हैं ।


सजा दो घर को गुलशन सा,

अवध में राम आए हैं,

अवध मे राम आए है,

मेरे सरकार आए हैं,

लगे कुटिया भी दुल्हन सी,

अवध मे राम आए हैं,

सजा दो घर को गुलशन सा,

अवध मे राम आएं हैं ।

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Chali Ja Rahi Hai Umar Dheere Dheere Lyrics (चली जा रही है उमर धीरे धीरे)

चली जा रही है उमर धीरे धीरे,
पल पल यूँ आठों पहर धीरे धीरे,

जब भी नैन मूंदो(Jab Bhi Nain Mundo Jab Bhi Nain Kholo)

जय राधे कृष्णा,
जय राधे कृष्णा,

जय जय देवा जय गणपति देवा (Jai Jai Deva Jai Ganpati Deva)

जय जय देवा जय गणपति देवा,
माता है गौरी पिता महादेवा,

कार्तिक पूर्णिमा पर धन लाभ

कार्तिक माह सनातन धर्म में अत्यंत शुभ है। इस महीने में श्रद्धालु पवित्र नदियों के किनारे पर समय बिताते हैं या फिर घरों में तुलसी और केले के पौधों की पूजा करते हैं और प्रतिदिन दीप जलाते हैं।

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