शिव की जटा से बरसे, गंगा की धार है (Shiv Ki Jata Se Barse Ganga Ki Dhar Hai)

शिव की जटा से बरसे,

गंगा की धार है,

गंगा की धार है,

महीना ये सावन का है,

छाई बहार है ॥


कावड़िये भर भर के,

चढाने कावड़ निकले है,

हर जुबां से बम बम के,

जय जयकारे निकले है,

शिवमय हुआ है देखो,

सारा संसार है,

सारा संसार है,

महीना ये सावन का है,

छाई बहार है ॥


भोले की भक्ति में,

झूम रहे नर और नारी है,

अभिषेक करने को,

भीड़ पड़ी भी भारी है,

सजा है शिवालय देखो,

आज सोमवार है,

आज सोमवार है,

महीना ये सावन का है,

छाई बहार है ॥


मेरा भोला बाबा है,

इनके भक्त सभी प्यारे,

इक लौटा जल से ही,

कर दे ये वारे न्यारे,

‘राघव’ मिला है जो भी,

बाबा का प्यार है,

बाबा का प्यार है,

महीना ये सावन का है,

छाई बहार है ॥


शिव की जटा से बरसे,

गंगा की धार है,

गंगा की धार है,

महीना ये सावन का है,

छाई बहार है ॥

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सकट चौथ यम नियम

सकट चौथ हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत मुख्य रूप से सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। इस दिन भगवान गणेश के साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है।

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वैकुंठ चतुर्दशी पर पितृ तर्पण

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बोल बम बम प्यारे बोल बम बम (Bol Bam Bam Pyare Bol Bam Bam)

बम बम बम बम बम बम बम बम,
जिंदगी में कुछ भी रहेगा नही गम,

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