जन्माष्टमी पूजन विधि (Janmashtami Poojan Vidhi)

भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी का किया जाने वाला व्रत 


इस दिन अपनी नृत्यक्रिया स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वछ वस्त्र धारण करें एवं जन्माष्टमी पूजन में विषेष ध्यान रखे बातो का ध्यान रखते हुऐ पूजन करना चाहिए सर्वप्रथम पूजन घर व मंदिर में स्वछता रखनी चाहिए सुबह ब्रह्राम्मुहूर्त में उठना एवं दिन में पूजन की तैयारियां करना घर में बंधनबार लगाना गौ के गोबर से पूजन घरा का लेपन करना फिर एक साफ चोकी (पटा) पर अष्टदल कमल बना कर उसपर कलष स्थापित करके दीपक प्रज्जवलित करके बालकृष्णलाल लड्डू गोपाल को झूला तैयार करके मंदिर में अपने अनुसार सजाबट करके ठीक 12 बजे अर्घ रात्री में श्रीबालकृष्णलाल का जन्मोत्सब मनाबे एवं बालकृष्णलाल का पंचामृत से अभीषेक करें और षोडषोपचार विधि से पूजन करें पूजन करने के बाद भगवान को माखन मिश्री का भोग लगावे और लड्डूगोपाल को झूला में बिठा कर झूला झुलाबे।

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बड़े बलशाली है, बाबा बजरंग बली(Bade Balshali Hai Baba Bajrangbali)

जड़ से पहाड़ों को,
डाले उखाड़,

अपने दरबार में तू बुलालें (Apne Darbar Mein Tu Bula Le)

महाकाल बाबा उज्जैन वाले,
जीवन मेरा तेरे हवाले,

अंजनी के लाला, एक बार मिला दे मोहे राम से: भजन (Anjani Ke Lala Ek Baar Mila De Mohe Ram Se)

अंजनी के लाला,
एक बार मिला दे मोहे राम से ॥

दिवाली 2024 तिथि: दिवाली कब है? 31 अक्टूबर या 1 नवंबर

दीपावली या दिवाली हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहारों में एक है। यह त्योहार भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में बसे हिंदुओं के बीच श्रद्धा भक्ति और हर्षोल्लास से मनाया जाता है।

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