वृन्दावन के ओ बांके बिहारी (Vrindavan Ke O Banke Bihari )

वृन्दावन के ओ बांके बिहारी,

हमसे पर्दा करो ना मुरारी ॥


हम तुम्हारे पराये नही है,

गैर के दर पे आये नहीं है,

हम तुम्हारे पुराने पुजारी,

हम तुम्हारे पुराने पुजारी,

हमसे पर्दा करो ना मुरारी,

वृन्दावन के ओ बांके बिहारी ॥


हरिदास के राज दुलारे,

नन्द यशोदा की आँखों के तारे,

राधा जू के सांवरे गिरधारी,

राधा जू के सांवरे गिरधारी,

हमसे पर्दा करो ना मुरारी,

वृन्दावन के ओ बांके बिहारी ॥


बंद कमरों में रुक ना सकोगे,

लाख पर्दो में छुप ना सकोगे,

तुमको हर ओर हम है व्यापारी,

तुमको हर ओर हम है व्यापारी,

हमसे पर्दा करो ना मुरारी,

वृन्दावन के ओ बांके बिहारी ॥


वृन्दावन के ओ बांके बिहारी,

हमसे पर्दा करो ना मुरारी ॥

........................................................................................................
बेगा सा पधारो जी, सभा में म्हारे आओ गणराज (Bega Sa Padharo Ji Sabha Mein Mhare Aao Ganraj)

बेगा सा पधारो जी,
सभा में म्हारे आओ गणराज,

कामधेनु गाय की पूजा कैसे करें?

कामधेनु एक दिव्य गाय है, जिसे सभी इच्छाओं को पूर्ण करने वाली माना जाता है। समुद्र मंथन के दौरान निकले चौदह रत्नों में से एक, कामधेनु को देवताओं और दानवों दोनों ने ही पाने की इच्छा रखी थी।

शनि प्रदोष व्रत उपाय

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान शिव और शनिदेव के आराधना के लिए समर्पित होता है। शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आने वाले इस व्रत में शिवलिंग की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

संतान सप्तमी 2024: जानें क्यों मनाई जाती है संतान सप्तमी और क्या है इस व्रत का शुभ मुहूर्त और महत्व

बात चाहे पति की लम्बी उम्र के लिए हरतालिका तीज और करवा चौथ का व्रत रखने की हो या फिर बच्चों के सुखी जीवन के लिए संतान सप्तमी के व्रत की, सनातन संस्कृति में मातृशक्ति ऐसे कई सारे व्रत धारण किए हुए हैं जो जगत कल्याण का आधार माना जाता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने