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राम जन्मभूमि पर जाकर, जीत के दीप जलाएंगे (Ram Janmabhoomi Par Jakar Jeet Ke Deep Jalayenge)

राम जन्मभूमि पर जाकर,

जीत के दीप जलाएंगे,

कलयुग के रावण अब भय से,

अपनी खैर मनाएंगे ॥


राम अयोध्या जब लौटे,

जले थे दीपक घर घर में,

सियाराम के जयकारे भी,

गूंज उठे थे अम्बर में,

जाके अयोध्या दिवाली में,

फुलझड़िया हम जलाएंगे,

कलयुग के रावण अब भय से,

अपनी खैर मनाएंगे ॥


देश के कोने कोने से जब,

भक्तो की टोली आएगी,

उनकी भक्ति की शक्ति से,

ये दुनिया अब थर्राएगी,

जय श्री राम का झंडा अब तो,

हर घर में लहराएगा,

कलयुग के रावण अब भय से,

अपनी खैर मनाएंगे ॥


राम जन्मभूमि पर जाकर,

जीत के दीप जलाएंगे,

कलयुग के रावण अब भय से,

अपनी खैर मनाएंगे ॥

हे संकट मोचन करते है वंदन(Hey Sankat Mochan Karte Hai Vandan)

हे संकट मोचन करते है वंदन
तुम्हरे बिना संकट कौन हरे,

चल काँवरिया, चल काँवरिया (Chal Kawariya, Chal Kawariya)

जय हो बैजनाथ
जय हो भोले भंडारी

नगर मे जोगी आया यशोदा के घर आया(Nagar Mein Jogi Aaya Yashoda Ke Ghar Aaya )

नगर मे जोगी आया,
भेद कोई समझ ना पाया।

मै हूँ बेटी तू है माता: भजन (Main Hoon Beti Tu Hai Mata)

मै हूँ बेटी तू है माता,
ये है जनम-जनम का नाता ।