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राम नाम ना गाया तूने, बस माया ही जोड़ी (Ram Naam Na Gaya Tune Bas Maya Hi Jodi)

राम नाम ना गाया तूने,

बस माया ही जोड़ी,

राम नाम के सिवा साथ ना,

जाएं फूटी कौड़ी,

जय श्री राम, जय श्री राम,

जय श्री राम, जय श्री राम ॥


राम नाम धन जो तू यहां कमाएगा,

कभी ना भूलो काम वहां वो आएगा,

अगर राम से प्यार नहीं है,

कुछ तेरा उस पार नहीं है,

जन्म ही लेती फिरेगी फिर ये,

तेरी रूह निगोड़ी,

जय श्री राम, जय श्री राम,

जय श्री राम, जय श्री राम ॥


लोग तुझे बस मरघट तक ले जायेंगे,

चाहने वाले दो आंसू ढलकाएंगे,

कोई ना तेरे संग चलेगा,

चिता में हर एक अंग जलेगा,

जिस दिन क्रूर काल की,

सिर पे आकर गिरे हथौड़ी,

जय श्री राम, जय श्री राम,

जय श्री राम, जय श्री राम ॥


मानवता भी रहे तुम्हारे सिने में,

सबमे देखो राम मजा फिर जीने में,

राम नाम रस जी भर पि ले,

मत होने दे बंधन ढीले,

ऐसी बांधो गाँठ प्रीत की,

जाए ना कभी तोड़ी,

जय श्री राम, जय श्री राम,

जय श्री राम, जय श्री राम ॥


क्यों सुख ढूंढ रहे हो आप जमाने में,

गंगाजल नहीं मिलता है मैखाने में,

सच्चा सुख श्री राम शरण में,

उसके ही गुण यश वर्णन में,

भक्ति की बूंद निचोड़ी,

जय श्री राम, जय श्री राम,

जय श्री राम, जय श्री राम ॥


राम नाम ना गाया तूने,

बस माया ही जोड़ी,

राम नाम के सिवा साथ ना,

जाएं फूटी कौड़ी,

जय श्री राम, जय श्री राम,

जय श्री राम, जय श्री राम ॥

भोले की किरपा से हमरे, ठाठ निराले है (Bhole Ki Kripa Se Hamare Thaat Nirale Hai)

भोले की किरपा से हमरे,
ठाठ निराले है,

गुड़ी पड़वा के दिन क्या करें क्या नहीं

गुड़ी पड़वा का पर्व हिंदू नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। यह त्योहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है, जो इस साल 30 मार्च को पड़ रहा है।

हनुमान जयंती दो बार क्यों मनाई जाती है?

हनुमान जी भगवान श्रीराम के परम भक्त हैं। इसलिए, श्रीराम की पूजा में भी हनुमान जी का विशेष महत्व है। हनुमान जी को संकटमोचन भी कहा जाता है, क्योंकि वे अपने भक्तों के सभी दुःख और कष्ट हर लेते हैं।

कला साधना पूजा विधि

कला को साधना कहा जाता है , क्योंकि यह केवल मनोरंजन नहीं बल्कि आत्मा की एक गहरी यात्रा होती है। चाहे वह संगीत, नृत्य, चित्रकला, मूर्तिकला, नाटक या किसी अन्य रूप में हो।