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राम नवमी सुहानी मन भावनी, राम जी को संग लेके आई(Ram Navmi Suhani Manbhavni Ram Ji Ko Sang Leke Aayi)

राम नवमी सुहानी मन भावनी,

राम जी को संग लेके आई,

राम जनम पर धरती को अम्बर,

राम जनम पर धरती को अम्बर,

भेजे रे भेजे बधाई बधाई,

चैत्र नवमी कल्याणी वरदायनी,

राम जी को संग लेके आई ॥


हरी ने निज वचन निभाए,

वे सुर्यवंश में आए,

रथ सूर्य देव ने रोका,

और आगे बढ़ ना पाए,

एक महीने रहा दिन ही दिन,

एक महीने रहा दिन ही दिन,

संध्या पड़ी ना दिखाई दिखाई,

राम नवमीं सुहानी मन भावनी,

राम जी को संग लेके आई ॥


भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,

कौसल्या हितकारी,

हर्षित महतारी मुनि मन हारी,

अद्भुत रूप निहारी,

कौशल्या दशरथ से जग ने,

कौशल्या दशरथ से जग ने,

दिव्य परम निधि पाई रे पाई,

चैत्र नवमी कल्याणी वरदायनी,

राम जी को संग लेके आई ॥


बाल रूप के दर्शन करने,

शिव जी अयोध्या धाम पधारे,

राम लला के जन्मोत्सव में,

देवी देव जुड़े यहाँ सारे,

प्रभु सुर नर मुनि के बिगड़े,

सब काज संवारने आए,

भूदेवी प्रसन्न के भगवन,

मेरा भार उतारने आए,

नाच के गाके तीनो लोको ने,

नाच के गाके तीनो लोको ने,

नवमी की महिमा गाई रे गाई,

राम नवमीं सुहानी मन भावनी,

राम जी को संग लेके आई,

इस तिथि में जो काम करो वो,

होता शुभफल शुभफलदायी,

चैत्र नवमी कल्याणी वरदायनी,

राम जी को संग लेके आई ॥


राम नवमी सुहानी मन भावनी,

राम जी को संग लेके आई,

राम जनम पर धरती को अम्बर,

राम जनम पर धरती को अम्बर,

भेजे रे भेजे बधाई बधाई,

चैत्र नवमी कल्याणी वरदायनी,

राम जी को संग लेके आई ॥


अनमोल तेरा जीवन, यूँ ही गँवा रहा है (Anmol Tera Jeevan Yuhi Ganwa Raha Hai)

अनमोल तेरा जीवन,
यूँ ही गँवा रहा है,

जय माता दी गाये जा, मैया को मनाये जा (Jai Mata Di Gaye Ja Maiya Ko Manaye Ja)

जय माता दी गाये जा,
मैया को मनाये जा,

होलाष्टक में करें इन देवी-देवताओं की पूजा

होलाष्टक का समय फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से पूर्णिमा (होलिका दहन) तक रहता है। यह अवधि अशुभ मानी जाती है, इसलिए विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते।

लोरी सुनाए गौरा मैया(Lori Sunaye Gaura Maiya)

लोरी सुनाए गौरा मैया,
झूला झूले गजानंद,