आज है जगराता माई का, माँ को मना लेना (Aaj Hai Jagrata Mai Ka Maa Ko Mana Lena)

आज है जगराता माई का,

माँ को मना लेना,

अरे ऐ भईया जी,

जरा ताली बजा लेना,

हाथ उठा के जोर लगा,

जयकारे लगा लेना,

अरे ऐ बहना जी,

जरा ताली बजा लेना ॥


मिलेगा जो मांगो तुमको,

नहीं कोई शंका,

सारी दुनिया में बजता है,

माई का डंका,

माई के दर पे,

शेरा वाली के दर पे,

जोत जली है,

सर को झुका लेना,

अरे ऐ भईया जी,

जरा ताली बजा लेना ॥


ये हैं मेहरा वाली मैया,

सबको खिलाती है,

बिछड़े हुए सभी को मैया,

पल में मिलाती है,

माई के दर पे,

मेरी माई के दर पे,

जोत जली है,

सर को झुका लेना,

अरे ऐ भईया जी,

जरा ताली बजा लेना ॥


चिंतपूर्णी मैया सबकी,

चिंता मिटाती है,

हारे हुए सभी को मैया,

तू ही जिताती है,

भक्त सुनाये,

माँ की महिमा,

तू संग में गा लेना,

अरे ऐ भईया जी,

जरा ताली बजा लेना ॥


आज है जगराता माई का,

माँ को मना लेना,

अरे ऐ भईया जी,

जरा ताली बजा लेना,

हाथ उठा के जोर लगा,

जयकारे लगा लेना,

अरे ऐ बहना जी,

जरा ताली बजा लेना ॥


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रक्षाबंधन की पूजा विधि

सनातन हिंदू धर्म के अनुयायी हर साल सावन माह की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाते हैं। इस साल रक्षाबंधन 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। हालांकि, इस दिन भद्रा काल का साया भी रहेगा, जिसे अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि भद्रा काल में राखी बांधना शुभ नहीं होता।

शिवजी को काल भैरव क्यों कहते हैं

मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में क्षिप्रा नदी के तट पर भगवान शिव महाकाल के रूप में विराजमान हैं। बारह ज्योतिर्लिंगों में यह तीसरे स्थान पर आता है। उज्जैन में स्थित यह ज्योतिर्लिंग देश का एकमात्र शिवलिंग है जो दक्षिणमुखी है। मंदिर से कई प्राचीन परंपराएं जुड़ी हुई हैं।

जय माता दी बोल भगता, चिट्ठी माँ की आएगी (Jai Mata Di Bol Bhagta Chitthi Maa Ki Aayegi)

जय माता दी बोल भगता,
चिट्ठी माँ की आएगी,

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