अवध बिहारी हो, हम आए शरण तिहारी (Awadh Bihari Ho,Hum Aaye Sharan Tihari)

अवध बिहारी हो,

हम आए शरण तिहारी,

गिरवर धारी हो,

हम आए शरण तिहारी ॥


महापातकी रहा अजामिल,

उसे मिला सुरधाम,

नारायण आ गए लिया जब,

पुत्र का अपने नाम,

संकट हारी हो,

आया शरण तिहारी,

अवध बिहारी हों,

हम आए शरण तिहारी ॥


जब जल में गजराज ग्राह में,

युद्ध हुआ घनघोर,

हार गया गज तो बोला,

दौड़ो नंद किशोर,

सुदर्शन धारी हो,

आया शरण तिहारी,

अवध बिहारी हों,

हम आए शरण तिहारी ॥


हिरणाकुश प्रहलाद को जब,

बाँधा खंबे के साथ,

तब बोला प्रहलाद कहाँ हो,

आओ दीनानाथ,

शरण हितकारी हो,

आया शरण तिहारी,

अवध बिहारी हों,

हम आए शरण तिहारी ॥


अवध बिहारी हो,

हम आए शरण तिहारी,

गिरवर धारी हो,

हम आए शरण तिहारी ॥


........................................................................................................
शनिवार को किन मंत्रों का जाप करें?

शनिवार शनिदेव की पूजा-अर्चना के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। शनिदेव को न्याय के देवता और कर्मफल दाता के रूप में जाना जाता है।

शिवाष्ट्कम्: जय शिवशंकर, जय गंगाधर.. पार्वती पति, हर हर शम्भो

जय शिवशंकर, जय गंगाधर, करुणाकर करतार हरे,
जय कैलाशी, जय अविनाशी, सुखराशी सुख-सार हरे,

गणेश जयंती पूजा विधि

सनातन हिंदू धर्म के पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान गणेश जी का जन्म माघ महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था। इसे श्रीगणेश के अवतरण-दिवस के रूप में मनाया जाता है।

भोला शंकर बने मदारी (Bhola Shankar Bane Madari)

भोला शंकर बने मदारी,
डमरू दशरथ द्वार बजायो,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।