बेगा सा पधारो जी, सभा में म्हारे आओ गणराज (Bega Sa Padharo Ji Sabha Mein Mhare Aao Ganraj)

बेगा सा पधारो जी,

सभा में म्हारे आओ गणराज,

थे बेगा पधारो जी ॥


भक्त खड़े था की बाट निहारे,

भक्त खड़े था की बाट निहारे,

भव सागर से क्यों नहीं तारे,

भव सागर से क्यों नहीं तारे,

भव सागर से क्यों नहीं तारे,

देर ना लगाओ जी,

सभा में म्हारे आओ गणराज,

थे बेगा पधारो जी ॥


विघन विनायक रूप तिहारो,

विघन विनायक रूप तिहारो,

मेरे गणपति कष्ट निवारो,

मेरे गणपति कष्ट निवारो,

मेरे गणपति कष्ट निवारो,

हमको तारो ना,

सभा में म्हारे आओ गणराज,

थे बेगा पधारो जी ॥


‘अवि’ की नैया पार लगाओ,

भक्तों की नैया पार लगाओ,

राग पहाड़ी में विनती गायो,

राग पहाड़ी में विनती गायो,

राग पहाड़ी में विनती गायो,

सुर को सम्भालो ना,

सभा में म्हारे आओ गणराज,

थे बेगा पधारो जी ॥


बेगा सा पधारो जी,

सभा में म्हारे आओ गणराज,

थे बेगा पधारो जी ॥

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माँ अंजनी का प्यारा लाल(Maa Anjani Ka Pyara Lal)

माँ अंजनी का प्यारा लाल,
घोटा हाथ लंगोटा लाल,

बिना लक्ष्मण के है जग सुना सुना (Bina Lakshman Ke Hai Jag Soona Soona)

लगी चोट रघुवर के तब ऐसी मन में,
रोके सुग्रीव से बोले जाओ,

षटतिला एकादशी के मंत्र

25 जनवरी 2025 को षटतिला एकादशी का व्रत है। इस दिन तिल का काफी महत्व होता है। षटतिला एकादशी के दिन तिल का छह तरीकों से प्रयोग किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा में भी विशेष रूप से तिल का इस्तेमाल किया जाता है।

फागुन की रुत फिर से आई, खाटू नगरी चालो (Fagun Ki Rut Phir Se Aayi Khatu Nagri Chalo)

फागुन की रुत फिर से आई,
खाटू नगरी चालो,

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