भोला शंकर बने मदारी (Bhola Shankar Bane Madari)

भोला शंकर बने मदारी,

डमरू दशरथ द्वार बजायो,

एक हाथ त्रिशूल और डमरू,

एक हाथ बजरंगी लीन्हे,

आप ही नाचे आप नचावे,

नाच नाच कर ये ही गावे,

जय जय अवध बिहारी,

भोला शंकर बनें मदारी,

डमरू दशरथ द्वार बजायो ॥


राम लखन की जोड़ी आयी,

भरत शत्रुघ्न पाछे आये,

ताली पिट मारे किलकारी,

जय जय महावीर बलकारी,

भोला शंकर बनें मदारी,

डमरू दशरथ द्वार बजायो ॥


नाच रहे बजरंगी प्यारे,

अपने प्रीतम राम दुवारे,

राम भजन में सुध बुध खोई,

दुःख हर्ता सुखकारी,

भोला शंकर बनें मदारी,

डमरू दशरथ द्वार बजायो ॥


दोऊ कर जोड़ बोले भोला जी,

ले मैया मेरा वानर थाक्यो,

युग युग जीवे लाल तुम्हारे,

ले अब चला मदारी,

भोला शंकर बनें मदारी,

डमरू दशरथ द्वार बजायो ॥


मैया मो को वानर दे दे,

जो मांगे ये बाबा दे दे,

नहीं तो जाऊ संग बाबा के,

या सो है पहचान हमारी,

भोला शंकर बनें मदारी,

डमरू दशरथ द्वार बजायो ॥


बालक रोते सुने राजा ने,

बोले बालक क्यों रोते हो,

रानियां बोले वानर माँगे,

कैसे मांग करू में पूरी,

राजा घर क्या वानर सोहे,

राजा जी ये हे मज़बूरी,

राजा बोले वानर दे दो,

इसके बदले हीरे ले लो,

आज्ञा पालन करो हमारी,

भोला शंकर बनें मदारी,

डमरू दशरथ द्वार बजायो ॥


भोला शंकर बने मदारी,

डमरू दशरथ द्वार बजायो,

एक हाथ त्रिशूल और डमरू,

एक हाथ बजरंगी लीन्हे,

आप ही नाचे आप नचावे,

नाच नाच कर ये ही गावे,

जय जय अवध बिहारी,

भोला शंकर बनें मदारी,

डमरू दशरथ द्वार बजायो ॥

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कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि

दू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष धार्मिक महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

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हिंदू धर्म में भगवान सूर्य को धरती के प्रत्यक्ष देवता माना जाता है। वे नवग्रहों के अधिपति, सौरमंडल के स्वामी और सभी राशियों के शासक हैं। सूर्य देव ऊर्जा, शक्ति और सकारात्मकता के प्रतीक हैं।

मैं राधा वल्लभ की, राधा वल्लभ मेरे (Main Radha Vallabh Ki, Radha Vallabh Mere)

मैं राधा वल्लभ की, राधा वल्लभ मेरे
मैं राधा वल्लभ की, राधा वल्लभ मेरे

काली काली अलको के फंदे क्यूँ डाले - भजन (Kali Kali Alko Ke Fande Kyun Dale)

काली काली अलको के फंदे क्यूँ डाले,
हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले ॥

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