राम लक्ष्मण के संग जानकी, जय बोलो हनुमान की (Ram Lakshman Ke Sang Janki)

राम लक्ष्मण के संग जानकी,

जय बोलो हनुमान की,

राम लक्ष्मण के संग जानकी,

जय बोलो हनुमान की ॥


बल बुद्धि हमे ज्ञान दो,

नित पापो से हम सब टले,

बल बुद्धि हमे ज्ञान दो,

नित पापो से हम सब टले,

बैठ कर तेरे द्वारे पे हम,

तेरे चरणों की पूजा करे,

ओ तेरे चरणों की,

तेरे चरणों की पूजा करे,

ऐसी भक्ति दो निष्काम की,

राम-लक्ष्मण के सँग जानकी,

जय बोलो हनुमान की ॥


भव सागर खिवईया हो तुम,

पार करते हो मझधार से,

भव सागर खिवईया हो तुम,

पार करते हो मझधार से,

निज भक्तो के संकट सदा,

दूर करते बड़े प्यार से,

दूर करते हो,

दूर करते बड़े प्यार से,

बात होती है जब आन की,

राम लक्ष्मण के सँग जानकी,

जय बोलो हनुमान की ॥


बोलो राम बोलो राम बोलो राम,

बोलो रामम म म म ॥


कितने पतितो को पावन किया,

मेरा तन मन तेरा हो गया,

कितने पतितो को पावन किया,

मेरा तन मन तेरा हो गया,

राम चंद्र जी पाकर तुम्हे,

चिर भक्ति में यूँ खो गया,

मन में ज्योति जले ज्ञान की,

जय बोलो हनुमान की,

राम-लक्ष्मण के सँग जानकी,

जय बोलो हनुमान की ॥


करते भक्ति सदा राम की,

जय बोलो हनुमान की,

राम लक्ष्मण के सँग जानकी,

जय बोलो हनुमान की ॥

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हे पुरुषोत्तम श्रीराम, करूणानिधान भगवान (Hai Purushottam Shri Ram Karuna Nidhan Bhagwan)

हे पुरुषोत्तम श्रीराम,
करूणानिधान भगवान ॥

रामनवमी पर रामलला की पूजा विधि

देशभर में रामनवमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इसलिए, राम भक्त पूरे साल इस दिन का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार करते हैं। यह हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है।

राम रस बरस्यो री, आज म्हारे आंगन में (Ram Ras Barsyo Re, Aaj Mahre Angan Main)

राम रस बरस्यो री,
आज म्हारे आंगन में ।

शबरी जयंती क्यों मनाई जाती है?

फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को शबरी जयंती मनाई जाती है, जो भगवान राम और उनकी भक्त शबरी के बीच के पवित्र बंधन का प्रतीक है।

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