राम लक्ष्मण के संग जानकी, जय बोलो हनुमान की (Ram Lakshman Ke Sang Janki)

राम लक्ष्मण के संग जानकी,

जय बोलो हनुमान की,

राम लक्ष्मण के संग जानकी,

जय बोलो हनुमान की ॥


बल बुद्धि हमे ज्ञान दो,

नित पापो से हम सब टले,

बल बुद्धि हमे ज्ञान दो,

नित पापो से हम सब टले,

बैठ कर तेरे द्वारे पे हम,

तेरे चरणों की पूजा करे,

ओ तेरे चरणों की,

तेरे चरणों की पूजा करे,

ऐसी भक्ति दो निष्काम की,

राम-लक्ष्मण के सँग जानकी,

जय बोलो हनुमान की ॥


भव सागर खिवईया हो तुम,

पार करते हो मझधार से,

भव सागर खिवईया हो तुम,

पार करते हो मझधार से,

निज भक्तो के संकट सदा,

दूर करते बड़े प्यार से,

दूर करते हो,

दूर करते बड़े प्यार से,

बात होती है जब आन की,

राम लक्ष्मण के सँग जानकी,

जय बोलो हनुमान की ॥


बोलो राम बोलो राम बोलो राम,

बोलो रामम म म म ॥


कितने पतितो को पावन किया,

मेरा तन मन तेरा हो गया,

कितने पतितो को पावन किया,

मेरा तन मन तेरा हो गया,

राम चंद्र जी पाकर तुम्हे,

चिर भक्ति में यूँ खो गया,

मन में ज्योति जले ज्ञान की,

जय बोलो हनुमान की,

राम-लक्ष्मण के सँग जानकी,

जय बोलो हनुमान की ॥


करते भक्ति सदा राम की,

जय बोलो हनुमान की,

राम लक्ष्मण के सँग जानकी,

जय बोलो हनुमान की ॥

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जय बजरंगी जय हनुमाना - हनुमान स्तुति (Jai Bajrangbali Jai Hanumana)

हनुमानजी स्तुति,
जय बजरंगी जय हनुमाना,

राधिके ले चल परली पार(Radhike Le Chal Parli Paar)

गलियां चारों बंद हुई,
मिलूं कैसे हरी से जाये ।

कब है भीष्म द्वादशी

महाभारत में अर्जुन ने भीष्म पितामह को बाणों की शैय्या पर लिटा दिया था। उस समय सूर्य दक्षिणायन था। इसलिए, भीष्म पितामह ने सूर्य के उत्तरायण होने का इंतजार किया और माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन अपने प्राण त्यागे।

रात भादो की थी, छाई काली घटा(Raat Bhado Ki Thi Chhai Kali Ghata)

रात भादो की थी,
छाई काली घटा,

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