भोलेनाथ है वो मेरे, भोलेनाथ हैं (Bholenath Hai Vo Mere Bholenath Hai)

हर इक डगर पे हरपल,

जो मेरे साथ हैं,

भोलेनाथ है वो मेरे,

भोलेनाथ हैं,

देवों के देव हैं वो,

नाथों के नाथ हैं,

भोलेनाथ हैं वो मेरे,

भोलेनाथ हैं ॥


नीलकंठ महादेव विष को पिये हैं,

असुरों देवों को वर एक सा दिए हैं,

फर्क न किये,

हर कष्ट हर लिए,

जिनके आगे प्राणी सब,

जोड़े हाथ है,

भोलेनाथ हैं वो मेरे,

भोलेनाथ हैं ॥


हाथ में त्रिशूल है बाघम्बर कमर में,

दूजे हाथ डमरू है बाजे नाद स्वर में,

नन्दी पे सवार,

हैं भोले त्रिपुरार,

जटा में हैं गंगा और,

चन्द्र माथ है,

भोलेनाथ हैं वो मेरे,

भोलेनाथ हैं ॥


जल जो चढ़ाए उसे यम से उबारे,

बेल के चढाने से भरते भंडारे,

दूध अक्षत के संग,

धतूरा और भँग,

वैभव सुख धन की करते,

बरसात हैं,

भोलेनाथ हैं वो मेरे,

भोलेनाथ हैं ॥


हर इक डगर पे हरपल,

जो मेरे साथ हैं,

भोलेनाथ है वो मेरे,

भोलेनाथ हैं,

देवों के देव हैं वो,

नाथों के नाथ हैं,

भोलेनाथ हैं वो मेरे,

भोलेनाथ हैं ॥

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वैशाख कृष्ण बरूथिनी नाम एकादशी (Veshakh Krishn Barothini Naam Ekadashi)

भगवान् कृष्ण ने कहा- हे पाण्डुनन्दन ! अब मैं तुम्हें बरूथिनी एकादशी व्रत का माहात्म्य सुनाता हूँ सुनिये।

उत्पन्ना एकादशी के उपाय

उत्पन्ना एकादशी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और घर-परिवार में खुशहाली बनी रहती है।

चैत्र मास में क्या करें क्या न करें

ग्रेगोरियन कैलेंडर की तरह एक हिंदू कैलेंडर भी होता है। इस कैलेंडर में भी 12 महीने होते हैं, जिसकी शुरुआत चैत्र के साथ होती है। यह महीना धार्मिक और अध्यात्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस माह में चैत्र नवरात्रि, राम नवमी और हनुमान जयंती जैसे प्रमुख त्योहार आते हैं।

ल्याया थारी चुनड़ी, करियो माँ स्वीकार(Lyaya Thari Chunri Karlyo Maa Swikar)

ल्याया थारी चुनड़ी,
करियो माँ स्वीकार,

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