बिगड़ी बनाने वाली, कष्ट मिटाने वाली (Bigdi Banane Wali Kasht Mitane Wali)

बिगड़ी बनाने वाली,
कष्ट मिटाने वाली,
दुनिया में जगदंबे माँ,
अपना बनाने वाली,
भाग्य जगाने वाली,
बस एक जगदंबे माँ,
शेरावाली का आज जगराता है,
अम्बे रानी का आज जगराता है ॥

दूर क्यों रहता है,
माँ की शरण आजा,
माँ के दर पर हैं बराबर,
रंक हो या राजा,
बड़ा हो या छोटा,
खरा हो या खोटा,
मैया के दर से वो,
नहीं खाली लौटा,
जो भी श्रद्धा से,
शीश झुकाता है,
आज जगराता है,
शेरावाली का आज जगराता है,
अम्बे रानी का आज जगराता है ॥

मुगल सेना लेकर,
राजा अकबर आया,
माँ की पावन ज्योति,
वो बुझा ना पाया,
मान टूटा अकबर का,
सवाली बन गया दर का,
चूमकर चौखट सेवक,
बना मेरी मां के घर का,
छत्र सोने का,
अकबर चढ़ाता है,
आज जगराता है,
शेरावाली का आज जगराता है,
अम्बे रानी का आज जगराता है ॥

ऐ ‘अंजुम’ दुनिया में,
माँ की क्या शान है,
हो निर्धन या धनवाला,
मिले सब को मान है,
जिसने भी मां को मनाया,
मुंह मांगा उसने पाया,
मैंने किस्मत का ताला,
मां के दर पे खुलवाया,
तभी तो ये ‘लक्खा’,
मां के गुण गाता है,
आज जगराता है,
शेरावाली का आज जगराता है,
अम्बे रानी का आज जगराता है ॥

बिगड़ी बनाने वाली,
कष्ट मिटाने वाली,
दुनिया में जगदंबे माँ,
अपना बनाने वाली,
भाग्य जगाने वाली,
बस एक जगदंबे माँ,
शेरावाली का आज जगराता है,
अम्बे रानी का आज जगराता है ॥

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