माँ तू है अनमोल(Maa Tu Hai Anmol)

माँ तू है अनमोल,

जो जाने मेरे बोल,

माँ तेरा ना कोई मोल,

तू तो प्रेम की मूरत है,

माँ तू प्रेम की मूरत है ॥


चरणों की धूल है तेरे,

डाली के फूल है तेरे,

कीचड़ हमको ना समझना,

माँ बच्चे है हम तेरे,

मेरा चलना मेरा हंसना,

सब तेरा है आधार।

माँ तू हैं अनमोल,

जो जाने मेरे बोल,

माँ तेरा ना कोई मोल,

तू तो प्रेम की मूरत है,

माँ तू प्रेम की मूरत है ॥


क्यों गम से मैं घबराऊँ,

क्यों सबसे मैं शरमाऊं,

जब माँ तू साथ है मेरे,

क्यों सबको ना बतलाऊँ,

चाहे दुःख हो या सुख हो,

तेरा करता रहूं गुणगान।

माँ तू हैं अनमोल,

जो जाने मेरे बोल,

माँ तेरा ना कोई मोल,

तू तो प्रेम की मूरत है,

माँ तू प्रेम की मूरत है ॥


‘निक्की’ है दास तुम्हारी,

तुझसे ही आस हमारी,

बिन तेरे कौन सुने माँ,

तू ही आवाज हमारी,

चाहे पायल चाहे बिछिया,

देना चरणों में अस्थान।

माँ तू हैं अनमोल,

जो जाने मेरे बोल,

माँ तेरा ना कोई मोल,

तू तो प्रेम की मूरत है,

माँ तू प्रेम की मूरत है ॥


माँ तू है अनमोल,

जो जाने मेरे बोल,

माँ तेरा ना कोई मोल,

तू तो प्रेम की मूरत है,

माँ तू प्रेम की मूरत है ॥

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अप्रैल 2025 व्रत-त्योहार

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प्रथम गणराज को सुमिरूं, जो रिद्धि सिद्धि दाता है (Pratham Ganraj Ko Sumiru Jo Riddhi Siddhi Data Hai)

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