मेरी मैया तेरे दरबार ये, दीवाने आए है (Meri Maiya Tere Darbar Ye Diwane Aaye Hai)

मेरी मैया तेरे दरबार ये,

दीवाने आए है,

भक्ति में तेरी डूब के ये,

भक्ति में तेरी डूब के ये,

मस्ताने आए है,

मेरी मईया तेरे दरबार ये,

दीवाने आए है ॥


सारे जग में तेरा बोल बाला,

तेरा दरबार है सबसे आला,

जो भी आए माँ दर पे सवाली,

उसकी झोली भरी तूने खाली,

माँ श्रद्धा सुमन की भेट तुम्हे,

चढ़ाने आए है,

मेरी मईया तेरे दरबार ये,

दीवाने आए है ॥


तू ही करुणा का सागर भवानी,

नही तुझसा बड़ा कोई दानी,

तेरी भक्ति में शक्ति समानी,

जाए महिमा ना तेरी बखानी,

तेरे चरणों में अपना शीश,

ये माँ झुकाने आए है,

मेरी मईया तेरे दरबार ये,

दीवाने आए है ॥


आओ मिल जगराता मनाए,

झूमे भक्ति में नाचे गाए,

ढोल जम के बजा मेरे ढोली,

माँ के भक्तो की निकली है टोली,

माँ तेरे नाम की लाल ध्वजा,

लहराने आए है,

मेरी मईया तेरे दरबार ये,

दीवाने आए है ॥


मेरी मैया तेरे दरबार ये,

दीवाने आए है,

भक्ति में तेरी डूब के ये,

भक्ति में तेरी डूब के ये,

मस्ताने आए है,

मेरी मईया तेरे दरबार ये,

दीवाने आए है ॥

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कहकर तो देख माँ से, दुःख दर्द तेरे दिल के (Kah Kar To Dekh Maa Se Dukh Dard Tere Dil Ke)

कहकर तो देख माँ से,
दुःख दर्द तेरे दिल के,

ऐसा दरबार कहाँ, ऐसा दातार कहाँ (Aisa Darbar Kahan Aisa Datar Kaha)

ऐसा दरबार कहाँ,
ऐसा दातार कहाँ,

दिसंबर में कब है दुर्गा अष्टमी?

शुक्ल पक्ष की अष्टमी का दिन मां दुर्गा को समर्पित होता है। इस दिन विधिवत मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी मां दुर्गा की आराधना के लिए समर्पित होती है। इस विधि-विधान से व्रत और पूजा करके मां दुर्गा की स्तुति की जाती है।

लाभ पंचमी पूजा विधि और महत्व

दिवाली के पांचवें दिन मनाए जाने वाले त्योहार लाभ पंचमी का हिंदू धर्म अत्याधिक महत्व है। इस पर्व को गुजरात में विशेष तौर पर मनाया जाता है।

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