चाहे राम भजो चाहे श्याम (Chahe Ram Bhajo Chahe Shyam)

चाहे राम भजो चाहे श्याम,

नाम दोनों हितकारी है,

दोनों हितकारी है,

विष्णु जी के अवतारी है,

चाहे राम भजों चाहे श्याम,

नाम दोनों हितकारी है ॥


राम जी जन जन के आदर्श,

गर्व करे इनपे भारतवर्ष,

श्याम बजाए बांसुरी,

और रचाए रास,

ब्रजमंडल से विश्व में,

पहुंची कृष्ण सुवास,

हरे कृष्ण हरे राम के अगणित,

दरश भिखारी है,

दोनों हितकारी है,

विष्णु जी के अवतारी है,

चाहे राम भजों चाहे श्याम,

नाम दोनों हितकारी है ॥


शिव का धनुष तोड़,

गठबंधन जोड़,

राम जी सिया जी का,

वरण कर लाए थे,

द्वारिका के राजा कृष्ण,

प्रेमिका की पीड़ा जान,

मंदिर से रुक्मणि,

हरण कर लाए थे,

राम ने पारण किया,

एक पत्नीव्रत,

मिथिला में दिए हुए,

वचन निभाए थे,

प्रेममूर्ति त्यागमूर्ति,

सीताराम जी ने मिल,

शुभ दिन दूर दिन,

संग बिताए थे,

असुरण को देते शरण,

मोहन कृष्ण उदार,

तभी तो ले ली शरण में,

रानियाँ सोलह हजार,

एक मर्यादा के पालक,

एक प्रेम पुजारी है,

दोनों हितकारी है,

विष्णु जी के अवतारी है,

चाहे राम भजों चाहे श्याम,

नाम दोनों हितकारी है ॥


राम राजा है दीनदयाल,

कृष्ण लाला है परम कृपाल,

दोनों रहते है सदा,

नीज प्रण के आधीन,

दुर्जन को दण्डित करे,

सज्जन को स्वाधीन,

राम श्याम ने,

बडी बडी विपदा,

पल में टाली है,

दोनों हितकारी है,

विष्णु जी के अवतारी है,

चाहे राम भजों चाहे श्याम,

नाम दोनों हितकारी है ॥


चाहे राम भजो चाहे श्याम,

नाम दोनों हितकारी है,

दोनों हितकारी है,

विष्णु जी के अवतारी है,

चाहे राम भजों चाहे श्याम,

नाम दोनों हितकारी है ॥

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राधे झूलन पधारो झुकी आए बदरा(Radhe Jhulan Padharo Jhuk Aaye Badra)

राधे झूलन पधारो झुकी आए बदरा,
झुक आये बदरा झुकी आये बदरा,

श्री गोवर्धन वासी सांवरे लाल (Shri Govardhan Wasi Sanwarey Lal)

श्री गोवर्धन वासी सांवरे लाल,
तुम बिन रह्यो न जाय हो ॥

माघ पूर्णिमा में चन्द्रमा पूजन

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ओ शंकर भोले, जपती मैं तुमको हरदम (O Shankar Bhole Japti Main Tumko Hardam)

ओ शंकर भोले,
जपती मैं तुमको हरदम,

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