करो हरी का भजन प्यारे, उमरिया बीती जाती हे (Karo Hari Ka Bhajan Pyare, Umariya Beeti Jati Hai)

करो हरी का भजन प्यारे,

उमरिया बीती जाती हे,

पूरब शुभ कर्म करी आया,

मनुष्य तन पृथ्वी पर पाया,

फिर विषयो से भरमाया,

मौत याद नहीं आती हे ,

करो हरी का भजन प्यारे!


बालपन खेल में खोया,

जोबन में काम बस होया ;

बुढ़ापा खाट पर सोया,

आस मन को सतानि हे,

करो हरी का भजन प्यारे!


कुटुंब परिवार सूत दारा,

स्वप्न सम देख जग सारा ;

माया का जाल बिस्तारा ,

नहीं ये संग जाती हे

करो हरी का भजन प्यारे!


जो हरी के चरण चित लावे,

सो भवसागर से तर जावे ;

ब्रह्मानंद मोक्ष पद पावे,

वेद वानी सुनाती हे

करो हरी का भजन प्यारे!

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मासिक शिवरात्रि पर शिव चालीसा पाठ

हिंदू पंचाग में प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी यानी 14वें दिन मासिक शिवरात्रि के मनाई जाती है। इस विशेष दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है।

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रबोधिनी एकादशी (Kaartik Maas Ke Shukl Paksh Kee Prabodhinee Ekaadashee)

ब्रह्माजी ने कहा कि हे मनिश्रेष्ठ ! गंगाजी तभई तक पाप नाशिनी हैं जब तक प्रबोधिनी एकादशी नहीं आती। तीर्थ और देव स्थान भी तभी तक पुण्यस्थल कहे जाते हैं जब तक प्रबोधिनी का व्रत नहीं किया जाता।

सूर्यदेव की पूजा किस विधि से करें?

वेदों में सूर्य को न केवल जगत की आत्मा बल्कि ईश्वर का नेत्र भी माना गया है। जीवन, स्वास्थ्य और शक्ति के देवता के रूप में उनकी पूजा की जाती है।

श्री गंगा चालीसा (Shri Ganga Chalisa)

जय जय जय जग पावनी, जयति देवसरि गंग ।
जय शिव जटा निवासिनी, अनुपम तुंग तरंग ॥

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