हमने आँगन नहीं बुहारा (Hamne Aangan Nahi Buhara, Kaise Ayenge Bhagwan)

हमने आँगन नहीं बुहारा,

कैसे आयेंगे भगवान् ।

मन का मैल नहीं धोया तो,

कैसे आयेंगे भगवान् ॥


हर कोने कल्मष-कषाय की,

लगी हुई है ढेरी ।

नहीं ज्ञान की किरण कहीं है,

हर कोठरी अँधेरी ।

आँगन चौबारा अँधियारा,

कैसे आयेंगे भगवान् ॥


हृदय हमारा पिघल न पाया,

जब देखा दुखियारा ।

किसी पन्थ भूले ने हमसे,

पाया नहीं सहारा ।

सूखी है करुणा की धारा,

कैसे आयेंगे भगवान् ॥


अन्तर के पट खोल देख लो,

ईश्वर पास मिलेगा ।

हर प्राणी में ही परमेश्वर,

का आभास मिलेगा ।

सच्चे मन से नहीं पुकारा,

कैसे आयेंगे भगवान् ॥


निर्मल मन हो तो रघुनायक,

शबरी के घर जाते ।

श्याम सूर की बाँह पकड़ते,

शाग विदुर घर खाते ।

इस पर हमने नहीं विचारा,

कैसे आयेंगे भगवान् ॥


हमने आँगन नहीं बुहारा,

कैसे आयेंगे भगवान् ।

मन का मैल नहीं धोया तो,

कैसे आयेंगे भगवान् ॥

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मेरे शंकर भोले भाले, बेड़ा पार लगाते है(Mere Shankar Bhole Bhale Beda Paar Lagate Hai)

मेरे शंकर भोले भाले,
बेड़ा पार लगाते है,

शनि प्रदोष व्रत उपाय

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान शिव और शनिदेव के आराधना के लिए समर्पित होता है। शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आने वाले इस व्रत में शिवलिंग की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

विवाह पंचमी के शुभ संयोग

विवाह पंचमी का त्योहार भगवान राम और माता सीता के विवाह के पावन अवसर के रूप में मनाया जाता है। लोग इस दिन वैवाहिक जीवन में शांति के लिए भगवान राम और माता सीता की पूजा करते है।

जय बोलो जय बोलो जय हनुमान की (Jai Bolo Jai Bolo Jai Hanuman Ki)

जय बोलो जय बोलो जय हनुमान की,
संकट मोचन करुणा दयानिधान की,

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