चलो चलिए माँ के धाम, मैया ने बुलाया है (Chalo Chaliye Maa Ke Dham Bulawa Aaya Hai)

चलो चलिए माँ के धाम,

मैया ने बुलाया है,

आया खुशियों का पैगाम,

मैया ने बुलाया है,

बुलावा आया है,

संदेसा आया है,

आई चिट्ठी सबके नाम,

मैया ने बुलाया है,

चलों चलिए माँ के धाम,

मैया ने बुलाया है ॥


ऊँचे पर्वत पर,

मैया जी बैठी है,

नीचे भक्तों की टोली,

गुण गाती है,

चलो बोलते माँ का नाम,

बुलावा आया है,

बुलावा आया है,

संदेसा आया है,

आई चिट्ठी सबके नाम,

मैया ने बुलाया है,

चलों चलिए माँ के धाम,

मैया ने बुलाया है ॥


पग पग पर माँ,

सबको सहारा देती है,

अपने भक्तों की माँ,

झोली भरती है,

चलो छोड़ जगत के काम,

बुलावा आया है,

बुलावा आया है,

संदेसा आया है,

आई चिट्ठी सबके नाम,

मैया ने बुलाया है,

चलों चलिए माँ के धाम,

मैया ने बुलाया है ॥


जब जब माता बुलाये,

हमको जाना है,

शेरावाली माँ को,

शीश झुकाना है,

बड़ा प्यारा माँ का धाम,

मेरे मन भाया है,

बुलावा आया है,

संदेसा आया है,

आई चिट्ठी सबके नाम,

मैया ने बुलाया है,

चलों चलिए माँ के धाम,

मैया ने बुलाया है ॥


किस्मत वाले हैं जिनको,

माँ बुलाती है,

विपदा उनको फिर,

कोई सताती है,

चलो करने माँ को प्रणाम,

बुलावा आया है,

बुलावा आया है,

संदेसा आया है,

आई चिट्ठी सबके नाम,

मैया ने बुलाया है,

चलों चलिए माँ के धाम,

मैया ने बुलाया है ॥


चलो चलिए माँ के धाम,

मैया ने बुलाया है,

आया खुशियों का पैगाम,

मैया ने बुलाया है,

बुलावा आया है,

संदेसा आया है,

आई चिट्ठी सबके नाम,

मैया ने बुलाया है,

चलों चलिए माँ के धाम,

मैया ने बुलाया है ॥

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भला किसी का कर ना सको तो (Bhala Kisi Ka Kar Na Sako Too)

भला किसी का कर ना सको तो,
बुरा किसी का मत करना,

भोले की किरपा से हमरे, ठाठ निराले है (Bhole Ki Kripa Se Hamare Thaat Nirale Hai)

भोले की किरपा से हमरे,
ठाठ निराले है,

पौष पूर्णिमा 2025

सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा- अर्चना करने का विधान है। इस दिन से प्रयागराज में कल्पवास शुरू किया जाता है, इस दिन व्रत, स्नान दान करने से मां लक्ष्मी और विष्णु जी बेहद प्रसन्न होते हैं।

सात्विक मंत्र क्यों पढ़ने चाहिए?

'मंत्र' का अर्थ है मन को एकाग्र करने और अनावश्यक विचारों से मुक्त करने का एक सरल उपाय। आज की तेज़ भागदौड़ भरी ज़िंदगी में मानसिक शांति प्राप्त करना अत्यंत कठिन हो गया है।

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