चलो चलिए माँ के धाम, मैया ने बुलाया है (Chalo Chaliye Maa Ke Dham Bulawa Aaya Hai)

चलो चलिए माँ के धाम,

मैया ने बुलाया है,

आया खुशियों का पैगाम,

मैया ने बुलाया है,

बुलावा आया है,

संदेसा आया है,

आई चिट्ठी सबके नाम,

मैया ने बुलाया है,

चलों चलिए माँ के धाम,

मैया ने बुलाया है ॥


ऊँचे पर्वत पर,

मैया जी बैठी है,

नीचे भक्तों की टोली,

गुण गाती है,

चलो बोलते माँ का नाम,

बुलावा आया है,

बुलावा आया है,

संदेसा आया है,

आई चिट्ठी सबके नाम,

मैया ने बुलाया है,

चलों चलिए माँ के धाम,

मैया ने बुलाया है ॥


पग पग पर माँ,

सबको सहारा देती है,

अपने भक्तों की माँ,

झोली भरती है,

चलो छोड़ जगत के काम,

बुलावा आया है,

बुलावा आया है,

संदेसा आया है,

आई चिट्ठी सबके नाम,

मैया ने बुलाया है,

चलों चलिए माँ के धाम,

मैया ने बुलाया है ॥


जब जब माता बुलाये,

हमको जाना है,

शेरावाली माँ को,

शीश झुकाना है,

बड़ा प्यारा माँ का धाम,

मेरे मन भाया है,

बुलावा आया है,

संदेसा आया है,

आई चिट्ठी सबके नाम,

मैया ने बुलाया है,

चलों चलिए माँ के धाम,

मैया ने बुलाया है ॥


किस्मत वाले हैं जिनको,

माँ बुलाती है,

विपदा उनको फिर,

कोई सताती है,

चलो करने माँ को प्रणाम,

बुलावा आया है,

बुलावा आया है,

संदेसा आया है,

आई चिट्ठी सबके नाम,

मैया ने बुलाया है,

चलों चलिए माँ के धाम,

मैया ने बुलाया है ॥


चलो चलिए माँ के धाम,

मैया ने बुलाया है,

आया खुशियों का पैगाम,

मैया ने बुलाया है,

बुलावा आया है,

संदेसा आया है,

आई चिट्ठी सबके नाम,

मैया ने बुलाया है,

चलों चलिए माँ के धाम,

मैया ने बुलाया है ॥

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फाल्गुन में देवताओं की पूजा

माघ पूर्णिमा के बाद फाल्गुन माह की शुरुआत होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह हिंदू वर्ष का अंतिम महीना होता है। इसके उपरांत हिन्दू नववर्ष आ जाएगा। फाल्गुन के महीने को फागुन का महीना भी कहा जाता है।

राम नाम की लूट है (Ram Naam Ki Loot Hai)

श्री राम, जय राम, जय जय राम
श्री राम, जय राम, जय जय राम

कब तुम कृपा करोगी श्री राधा रानी (Kab Tum Kripa Karogi Shri Radha Rani)

कब तुम कृपा करोगी श्री राधा रानी,
कब तुम कृपा करोगी मेरी लाड़ो प्यारी,

वो है जग से बेमिसाल सखी (Woh Hai Jag Se Bemisal Sakhi)

कोई कमी नहीं है, दर मइया के जाके देख
देगी तुझे दर्शन मइया, तू सर को झुका के देख

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