चटक मटक चटकीली चाल, और ये घुंघर वाला बाल (Chatak Matak Chatkili Chaal Aur Ye Ghunghar Wala Baal)

चटक मटक चटकीली चाल,

और ये घुंघर वाला बाल,

तिरछा मोर मुकट सिर पे,

और ये गल बैजंती माल,

तेरी सांवरी सुरतिया,

पे दिल गई हार,

तेरी सांवरी सुरतिया,

पे दिल गई हार ॥


नटखट नटवर नन्द दुलारे,

तुम भक्तो के प्राण आधारे,

चंचल चितवन चीर चुरइयाँ,

सबकी नैया पार लगइयाँ,

तेरी सांवरी सुरतिया,

पे दिल गई हार,

तेरी सांवरी सुरतिया,

पे दिल गई हार ॥


केसरिया बागा तन सोहे,

बांकी अदा मेरा मन मोहे,

कैसी मंत्र मोहनी डाली,

मैं सुध भूल भई मतवारी,

तेरी सांवरी सुरतिया,

पे दिल गई हार,

तेरी सांवरी सुरतिया,

पे दिल गई हार ॥


पल पल करू वंदना तेरी,

पूरी करो कामना मेरी,

छवि धाम रूप रस खानी,

प्रीत की रीत निभानी जानी,

तेरी सांवरी सुरतिया,

पे दिल गई हार,

तेरी सांवरी सुरतिया,

पे दिल गई हार ॥


चटक मटक चटकीली चाल,

और ये घुंघर वाला बाल,

तिरछा मोर मुकट सिर पे,

और ये गल बैजंती माल,

तेरी सांवरी सुरतिया,

पे दिल गई हार,

तेरी सांवरी सुरतिया,

पे दिल गई हार ॥

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एकादशी पूजन विधि (Ekadashi Poojan Vidhi )

एकादशी पूजन में विशेष तौर से भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है इस दिन पवित्र नदी या तालाब या कुआं में स्नान करके व्रत को धारण करना चाहिए

छठ व्रत कथा (Chhath Vrat Katha)

छठ व्रत कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली मनाने के 6 दिन बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष को मनाए जाने के कारण इसे छठ कहा जाता है।

मेरे सरकार आये है(Mere Sarkar Aaye Hain)

सजा दो घर को गुलशन सा,
मेरे सरकार आये है,

जब निर्वस्त्र होकर नहा रहीं गोपियों को नटखट कन्हैया ने पढ़ाया मर्यादा का पाठ

भगवान विष्णु ने रामावतार लेकर जगत को मर्यादा सिखाई और वे मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए। वहीं कृष्णावतार में भगवान ने ज्यादातर मौकों पर मर्यादा के विरुद्ध जाकर अपने अधिकारों की रक्षा और सच को सच कहने साहस हम सभी को दिखाया।

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