छोटी सी मेरी पार्वती (Chhoti Si Meri Parvati)

छोटी सी मेरी पार्वती,

शंकर की पूजा करती थी,

निर्जल रहकर निश्छल मन से,

नित ध्यान प्रभू का धरती थी,

छोटी सी मेरी पारवती,

शंकर की पूजा करती थी ॥


नित गंगा जमुना जाती थी,

जल भर भर कर वो लाती थी,

निर्जल रहकर निश्छल मन से,

नित ध्यान प्रभू का धरती थी,

छोटी सी मेरी पारवती,

शंकर की पूजा करती थी ॥


नित बाग़ बगीचा जाती थी,

वो भांग धतूरा लाती थी,

निर्जल रहकर निश्छल मन से,

नित ध्यान प्रभू का धरती थी,

छोटी सी मेरी पारवती,

शंकर की पूजा करती थी ॥


छोटी सी मेरी पार्वती,

शंकर की पूजा करती थी,

निर्जल रहकर निश्छल मन से,

नित ध्यान प्रभू का धरती थी,

छोटी सी मेरी पारवती,

शंकर की पूजा करती थी ॥

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करती हूँ तुम्हारा व्रत मैं - माँ संतोषी (Karti Hu Tumhara Vrat Main)

करती हूँ तुम्हारा व्रत मैं,
स्वीकार करो माँ,

चैत्र नवरात्रि पूजा नियम

चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म के पावन त्योहारों में से एक है। यह त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है - चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि। इस दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए उनके नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। पूजा के दौरान कुछ नियमों का भी पालन करना होता है।

आयेगा मेरा श्याम, लीले चढ़ करके (Aayega Mera Shyam. Lile Chadh Karke)

दिल से जयकारा बोलो,
संकट में कभी ना डोलो,

मेरी माँ अंबे दुर्गे भवानी(Meri Maa Ambe Durga Bhawani)

मेरी माँ अंबे दुर्गे भवानी,
किस जगह तेरा जलवा नहीं है,

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