दानी बड़ा ये भोलेनाथ, पूरी करे मन की मुराद (Dani Bada Ye Bholenath Puri Kare Man Ki Murad)

दानी बड़ा ये भोलेनाथ,

पूरी करे मन की मुराद,

देख ले माँग के माँग के,

तेरा बिगड़ा मुक्कदर सवर जायेगा,

तेरा दामन भी खुशियों से भर जायेगा॥


दिन दयालु कहे इसको जमाना,

काम है इसका किस्मत जगाना,

भोले के दर पे जिसने अर्जी लगाई है,

हाथो ही हाथ हुई उसकी सुनाई है,

देख ले माँग के माँग के,

तेरा बिगड़ा मुक्कदर सवर जायेगा,

तेरा दामन भी खुशियों से भर जायेगा।

॥ दानी बड़ा ये भोलेनाथ...॥


देवो का देव तीनो लोको का स्वामी,

देखि दातारि हुई दुनिया दीवानी,

राजा बनाये पल भर में भिखारी को,

करते निहाल भोले अपने पुजारी को,

देख ले माँग के माँग के,

तेरा बिगड़ा मुक्कदर सवर जायेगा,

तेरा दामन भी खुशियों से भर जायेगा।

॥ दानी बड़ा ये भोलेनाथ...॥


भोला भाला है दिल इसका बड़ा है,

देखे कभी ना कौन लेने खड़ा है,

रावण को सोने की लंका दे डाली,

सोनू लौटाया नहीं किसी को भी खाली,

देख ले माँग के माँग के,

तेरा बिगड़ा मुक्कदर सवर जायेगा,

तेरा दामन भी खुशियों से भर जायेगा।


दानी बड़ा ये भोलेनाथ,

पूरी करे मन की मुराद,

देख ले माँग के माँग के,

तेरा बिगड़ा मुक्कदर सवर जायेगा,

तेरा दामन भी खुशियों से भर जायेगा॥

........................................................................................................
तेरी अंखिया हैं जादू भरी: भजन (Teri Akhiya Hai Jadu Bhari)

तेरी अंखिया हैं जादू भरी,
बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥

रामजी की निकली सवारी (Ramji Ki Nikali Sawari Ramji Ki Leela Hai Nayari)

सर पे मुकुट सजे मुख पे उजाला
हाथ धनुष गले में पुष्प माला

भगवान शिव क्यों बने थे भिखारी

संसार के सभी जीव-जंतु जीवित रहने हेतु भोजन पर निर्भर रहते हैं। सनातन हिंदू धर्म में देवी अन्नपूर्णा को अन्न के भंडार और इसकी पूर्ति करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। देवी अन्नपूर्णा की पूजा के पीछे एक पौराणिक कथा है।

मासिक शिवरात्रि शिव तांडव स्तोत्र

वैदिक ज्योतिष में मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत को भगवान शिव की कृपा पाने का विशेष अवसर माना गया है। इस दिन भक्त अपने-अपने तरीके से भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं और शिवजी को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी रखते हैं।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने