ध्यानु की तरह अम्बे, मेरा नाम अमर कर दो (Dhyanu Ki Tarah Ambe Mera Naam Amar Kardo)

ध्यानु की तरह अम्बे,

मेरा नाम अमर कर दो,

चरणों में मिट जाऊं,

भक्ति की नजर कर दो,

ध्यानु की तरह अम्बें,

मेरा नाम अमर कर दो ॥


चोला बसंती माँ,

पहना है लिए मस्ती,

सर प्रेम के बाने में,

लाली है तेरी हस्ती,

झंकार के छैनों की,

इस मन को संवर कर दो,

ध्यानु की तरह अम्बें,

मेरा नाम अमर कर दो ॥


मंगलमय शुभ ज्योति,

मन मंदिर में जागी,

तेरा पंथ निराला है,

मोहे सांची लगन लागी,

गुण गान करे वाणी,

स्वासों में असर कर दो,

ध्यानु की तरह अम्बें,

मेरा नाम अमर कर दो ॥


माता और बेटे का,

रिश्ता ये पुराना है,

ममता में बंधती वो,

मैंने तो ये जाना है,

रहमत की निगाहें माँ,

इक बार अगर कर दो,

ध्यानु की तरह अम्बें,

मेरा नाम अमर कर दो ॥


ध्यानु की तरह अम्बे,

मेरा नाम अमर कर दो,

चरणों में मिट जाऊं,

भक्ति की नजर कर दो,

ध्यानु की तरह अम्बें,

मेरा नाम अमर कर दो ॥

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हो दीनानाथ(Ho Deenanath)

सोना सट कुनिया, हो दीनानाथ
हे घूमइछा संसार, हे घूमइछा संसार

भोले के नाम का प्याला पिएंगे: शिव भजन (Bhole Ke Naam Ka Pyala Piyege)

भोले के नाम का प्याला पिएंगे,
भोले के नाम का जप हम करेंगे,

मेरे घर आया राजा राम जी का प्यारा (Mere Ghar Aaya Raja Ram Ji Ka Pyara)

आज के दिवस की मैं जाऊं बलिहारा,
मेरे घर आया राजा राम जी का प्यारा,

तिलकुट चौथ की पूजा सामग्री

सकट चौथ व्रत मुख्यतः संतान की लंबी उम्र, उनके अच्छे स्वास्थ्य और तरक्की की कामना के लिए रखा जाता है। इस पर्व को गौरी पुत्र भगवान गणेश और माता सकट को समर्पित किया गया है। इसे भारत में अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे:- तिलकुट चौथ, वक्र-तुण्डि चतुर्थी और माघी चौथ।

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