दिखा दे थारी सुरतियाँ(Dikha de Thari Suratiya)

श्याम सलोनो प्यारो म्हारो, मैं लुल लुल जावा

मन को मोर्यो नाचन लाग्यो झूम झूम गावा ,

थारो दर्शन पाणे खातिर उड़ गयी आख्या श्यु निंदा

मत तरसावो बाबा श्याम आजा हिंडो हिंडा

दिखा दे थारी सुरतिया दिखा दे थारी सुरतिया



चान्दारुण की दचिण दिशा में बाबा आप बिराजो

उत्तर में शिवनाथ बिराजे शिवालय रे माहि

बिच बाज़ार में गणपति सोहे लडूवन भोग लगावे


फागन रा महिना में बाबा थारे मंदिर आवा

मेवा मिश्री सागे ल्यावा थारे भोग लगावा

भोले शंकर ने ल्यावो तो गांजो भांग मंगावा


लाल गुलाबी गुलाल उड़त है श्याम नगर के माहि

स्वर्ग से सुन्दर लागे म्हाने खाटू नगरी के माहि

रंग रंगीलो फागन आयो भक्ता के मन भायो


यु तो म्हारा खाटू नरेश ने बिगड़ी सब की बनाई

एक सहारा श्याम हमारा सूरत थारी बसाई

वेद व्यास की अर्जी सुन्ल्यो बेडो पार लगाद्यो

........................................................................................................
मैया मेरी लाज रख ले: भजन (Mata Meri Laaj Rakh Le)

तेरे चरणों में शीश मैं झुकाऊं,
तेरे ही गुण गाऊं,

कनक भवन दरवाजे पड़े रहो (Kanak Bhawan Darwaje Pade Raho)

प्रभु श्रीसीतारामजी काटो कठिन कलेश
कनक भवन के द्वार पे परयो दीन राजेश

राम पे जब जब विपदा आई(Ram Pe Jab Jab Vipada Aai)

राम पे जब जब विपदा आई,
कौन बना रखवाला,

सखी री दो कुंवर सुंदर, मनोहर आज आये है (Sakhi Ri Do Kunwar Sundar Manohar Aaj Aaye Hain)

सखी री दो कुंवर सुंदर,
मनोहर आज आये है,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।