दृष्टि हम पे दया की माँ डालो (Drashti Hum Par Daya Ki Maa Dalo)

दृष्टि हम पे दया की माँ डालो,

बडी संकट की आई घड़ी है ।

द्वार पर तेरे हम भी खड़े है,

आँखो में आँसुओ कि झड़ी है ॥


निर्बल का सहारा यही है,

रास्ता दुसरा ना कही है ।

तेरा दर्श अगर तू दिखा दे,

टूट जाये गमो की लड़ी है ॥


सारे भक्तो को तुमने है तारा,

वासता तुमसे भी है हमारा ।

तार दे माँ तेरे बालकों को,

हम पर विपदा ही ऐसी पड़ी है ॥


फरियादों की झोली अड़ी है,

फते करने को माँ तू खड़ीं है ।

ये शिवाजी को आशिष दे कर,

धन्य करदे तू सबसे बड़ी है ॥


दृष्टि हम पे दया की माँ डालो,

बडी संकट की आई घड़ी है ।

द्वार पर तेरे हम भी खड़े है,

आँखो में आँसुओ कि झड़ी है ॥

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कान्हा तेरी मुरली की, जो धुन बज जाए (Kanha Teri Murli Ki Jo Dhun Baj Jaaye)

कान्हा तेरी मुरली की,
जो धुन बज जाए,

चैत्र मासिक शिवरात्रि कब है

प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा को समर्पित है। इस दिन व्रत और पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं।

अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो (Are Dwarpalo Kanhaiya Se Keh Do)

देखो देखो यह गरीबी, यह गरीबी का हाल,
कृष्ण के दर पे यह विशवास ले के आया हूँ।

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