गंगा किनारे चले जाणा (Ganga Ke Kinare Chale Jana)

बम बम बम बम भोला

बम बम बम बम भोला

बम बम बम बम भोला

बम बम बम बम भोला


कह गए साधु, कह गए कबीरा

कह गए साधु कह गए फकीरा

क्या तेरा क्या मेरा कबीरा

सारा ये खेल है तक़्दीरों का

सारा ये खेल है तक़्दीरों का

क्या तूने ले जाना सब यही रह जाना


मिटदि है मूरत, जिन्दी ये वाणी है

गंगा किनारे चले जाणा

मुड़के फिर नहीं आणा


ये जीवन तेरा लकड़ी का पुतला

ये जीवन तेरा लकड़ी का पुतला

ये जीवन तेरा लकड़ी का पुतला

ये जीवन तेरा लकड़ी का पुतला

आग लगे जर जाणा

मुड़के फिर नहीं आणा


मिटदि है मूरत, जिन्दी ये वाणी है

गंगा किनारे चले जाणा

मुड़के फिर नहीं आणा


ये जीवन तेरा माटी का पुतला

ये जीवन तेरा माटी का पुतला

ये जीवन तेरा माटी का पुतला

ये जीवन तेरा माटी का पुतला

माटी में ही मिल जाणा

गंगा किनारे चले जाणा


मिटदि है मूरत, जिन्दी ये वाणी है

गंगा किनारे चले जाणा

मुड़के फिर नहीं आणा


ये जीवन तेरा मोह के धागे

ये जीवन तेरा मोह के धागे

ये जीवन तेरा मोह के धागे

ये जीवन तेरा मोह के धागे

गाँठ लगे टूट जाणा

मुड़के फिर नहीं आणा


मिटदि है मूरत, जिन्दी ये वाणी है

गंगा किनारे चले जाणा

मुड़के फिर नहीं आणा


मिटदि है मूरत, जिन्दी ये वाणी है

गंगा किनारे चले जाणा

मुड़के फिर नहीं आणा


तेरे अपने ही तुझको जलायेंगे

कुछ दिन रोयेंगे फिर भूल जायेंगे

तेरे अपने ही तुझको जलायेंगे

कुछ दिन रोयेंगे फिर भूल जायेंगे

फिर भूल जायेंगे फिर भूल जायेंगे


ओ गंगा किनारे चले जाणा

मुड़के फिर नहीं आणा


बम बम बम बम भोला

बम बम बम बम भोला

बम बम बम बम भोला

बम बम बम बम भोला

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गुड़ी पड़वा 2025 कब है

सनातन धर्म में गुड़ी पड़वा त्योहार का विशेष महत्व है। इस त्योहार को चैत्र के महीने में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है, और इस तिथि से चैत्र नवरात्र शुरू होता है। इसके साथ ही हिंदू नववर्ष की भी शुरुआत होती है।

बिन पानी के नाव (Bin Pani Ke Naav)

बिन पानी के नाव खे रही है,
माँ नसीब से ज्यादा दे रही है ॥

बारिशों की छम छम में तेरे दर पे आए हैं

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बारिशों की छम छम में तेरे दर पे आए हैं।

जिंदगी में हजारों का मेला जुड़ा(Jindagi Me Hajaro Ka Mela Juda)

जिंदगी में हजारों का मेला जुड़ा,
हंस जब-जब उड़ा तब अकेला उड़ा ।

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