गौरी सूत शंकर लाल (Gauri Sut Shankar Lal)

गौरी सूत शंकर लाल,

विनायक मेरी अरज सुनो,

बैठा भागवत महा पूराण,

विनायक मेरी अरज सुनो,

गौरी सुत शंकर लाल,

विनायक मेरी अरज सुनो ॥


सब देवन मे आप बड़े हो,

तुमको प्रथम मनावे,

घर मे गणपति सदा बिराजे,

कारज शुभ करावे,

संग रिद्धि सिद्धि,

संग रिद्धि सिद्धि आओ आज,

विनायक मेरी अरज सुनो,

गौरी सुत शंकर लाल,

विनायक मेरी अरज सुनो ॥


मेवा फल मोदक और लड्डू,

जिनको भोग लगवे,

सखी सहेली मिल करके

सब मंगल आरती गावे,

देव मिलकर,

देव मिलकर चवर दुलावे,

विनायक मेरी अरज सुनो,

गौरी सुत शंकर लाल,

विनायक मेरी अरज सुनो ॥


ब्रह्मा विष्णु शंकर भी है,

जिनके गुण को गाते,

महिमा का वर्णन तो,

देवी देव मुनि ना पाते,

सब मिलकर,

सब मिलकर शीश झुकावे

विनायक मेरी अरज सुनो,

गौरी सुत शंकर लाल,

विनायक मेरी अरज सुनो ॥


गौरी सूत शंकर लाल,

विनायक मेरी अरज सुनो,

बैठा भागवत महा पूराण,

विनायक मेरी अरज सुनो,

गौरी सूत शंकर लाल,

विनायक मेरी अरज सुनो ॥

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हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे(He Govind He Gopal Ab To Jeevan Hare)

हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ।
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