हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है (Hamako Apani Bharat Ki Mati Se Anupam Pyar Hai)

इस धरती पर जन्म लिया था दसरथ नंन्दन राम ने,

इस धरती पर गीता गायी यदुकुल-भूषण श्याम ने ।

इस धरती के आगे झुकता मस्तक बारम्बार है ॥


हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है,

माटी से अनुपम प्यार है, माटी से अनुपम प्यार है ॥


इस धरती की गौरव गाथा गायी राजस्थान ने,

इस पुनीत बनाया अपने वीरों के बलिदान ने ।

मीरा के गीतों की इसमें छिपी हुई झंकार है ॥


हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है,

माटी से अनुपम प्यार है, माटी से अनुपम प्यार है ॥


कण-कण मंदिर इस माटी का कण-कण में भगवान् है,

इस माटी से तिलक करो यह मेरा हिन्दुस्तान है ।

इस माटी का रोम रोम भारत का पहरेदार है॥


हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है,

माटी से अनुपम प्यार है, माटी से अनुपम प्यार है ॥

हमको अपनी भारत की माटी से अनुपम प्यार है,

माटी से अनुपम प्यार है, माटी से अनुपम प्यार है ॥

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हरियाली तीज (Hariyali Teej)

हरियाली तीज, जिसे श्रावण तीज के नाम से भी जाना जाता है, एक पारंपरिक हिंदू त्योहार है जो भारत और नेपाल में मनाया जाता है। हरियाली तीज का अर्थ है "हरियाली की तीज" या "हरित तीज"। यह नाम इसलिए पड़ा है क्योंकि यह त्योहार मानसून के मौसम में मनाया जाता है, जब प्रकृति में हरियाली का प्रवेश होता है। यह पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर जुलाई या अगस्त में पड़ती है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा का विधान है।

अन्वाधान कब है

फरवरी माह में प्रकृति में भी बदलाव आता है, मौसम में ठंडक कम होने लगती है। पेड़ों पर कोमल पत्ते आने लगते हैं। इस साल फरवरी में गुरु मार्गी होंगे और सूर्य, बुध भी राशि परिवर्तन करेंगा। इसलिए यह महीना बहुत खास रहने वाला है।

धरती गगन में होती है तेरी जय-जयकार (Dharti Gagan Mein Hoti Hai Teri Jay-Jayakar)

जय जय शेरा वाली मां, जय जय मेहरा वाली मां।
जय जय ज्योता वाली मां, जय जय लाता वाली मां।।

सज रही मेरी अम्बे मैया - माता भजन (Saj Rahi Meri Ambe Maiya Sunahare Gote Mein)

सज रही मेरी अम्बे मैया, सुनहरी गोटे में ।
सुनहरी गोटे में, सुनहरी गोटे में,

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