हमारे बालाजी महाराज, सभी के कष्ट मिटाते है (Hamare Balaji Maharaj Sabhi Ke Kast Mitate Hain)

हमारे बालाजी महाराज,

सभी के कष्ट मिटाते है,

पिलाते राम नाम की बूटी,

सभी को मस्त बनाते है,

हमारें बालाजी महाराज,

सभी के कष्ट मिटाते है ॥


घाटा मेहंदीपुर शुभ धाम,

सारे करते जाके प्रणाम,

यही है भक्तो के सरताज,

जो बालाजी कहलाते है,

पिलाते राम नाम की बूटी,

सभी को मस्त बनाते है,

हमारें बालाजी महाराज,

सभी के कष्ट मिटाते है ॥


है जिनके प्रेतराज अगवान,

भैरव कोतवाल कप्तान,

पूरण करते सब के काज,

वीर का हुक्म बजाते है,

पिलाते राम नाम की बूटी,

सभी को मस्त बनाते है,

हमारें बालाजी महाराज,

सभी के कष्ट मिटाते है ॥


चावल बुरा लगता भोग,

करते सवामणि सब लोग,

बजते ढोल शहनाई साज,

राम की महिमा गाते है,

पिलाते राम नाम की बूटी,

सभी को मस्त बनाते है,

हमारें बालाजी महाराज,

सभी के कष्ट मिटाते है ॥


हो रही जग में जय जयकार,

मेला जुड़ता मंगलवार,

जिन पे शनिदेव को नाग,

अमावस धूम मचाते है,

पिलाते राम नाम की बूटी,

सभी को मस्त बनाते है,

हमारें बालाजी महाराज,

सभी के कष्ट मिटाते है ॥


हमारे बालाजी महाराज,

सभी के कष्ट मिटाते है,

पिलाते राम नाम की बूटी,

सभी को मस्त बनाते है,

हमारें बालाजी महाराज,

सभी के कष्ट मिटाते है ॥

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अन्वाधान पौराणिक कथा

हिंदू धर्म में त्योहारों का विशेष महत्व है। हर त्योहार अपनी पौराणिक कथाओं और परंपराओं के कारण अद्वितीय स्थान रखता है। ऐसा ही एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है 'अन्वाधान’, जिसे वैष्णव सम्प्रदाय विशेष रूप से मनाता है।

दुर्गा चालीसा पाठ

धार्मिक मान्यता है कि मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सच्चे मन से मां दुर्गा की पूजा-अर्चना और व्रत करने से जातक की हर मनोकामना पूरी होती है। इस दिन दुर्गा चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए।

वरुण देवता की पूजा विधि क्या है?

सनातन धर्म में वरुण देव को जल का देवता माना जाता है।

शबरी जंयती की पूजा विधि

शबरी जयंती सनातन धर्म में महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। हर साल माता शबरी के जन्मोत्सव के रूप में शबरी जयंती मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, शबरी जयंती फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है।

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