हमारे हैं श्री गुरुदेव, हमें किस बात की चिंता (Hamare Hain Shri Gurudev Humen Kis Bat Ki Chinta)

हमारे हैं श्री गुरुदेव,

हमें किस बात की चिंता,

हमारे साथ हैं गुरुदेव,

हमें किस बात की चिंता ।


चरण में रख दिया जब माथ,

हमें किस बात की चिंता ॥

मेरे स्वामी को रहती है,

मेरी हर बात की चिंता ।

मेरे बाबा को रहती है,

मेरी हर बात की चिंता ॥


किया करते हो तुम दिन रात,

क्यूँ बिन बात की चिंता ।

रहे हर स्वांस में भगवन,

तेरे इक नाम की चिंता ॥


हुई इस दास पर कृपा,

बनाया दास प्रभु अपना ।

उन्ही के हाथों में जब हाथ,

हमे किस बात की चिंता ॥


हमारे हैं श्री गुरुदेव,

हमें किस बात की चिंता,

हमारे साथ हैं गुरुदेव,

हमें किस बात की चिंता ।


गुरुदेव तुम्हारी जय होवे ।

मेरे बाबा तुम्हारी जय होवे ॥

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अथ कीलकम् (Ath Keelakam)

कीलकम् का पाठ देवी कवचम् और अर्गला स्तोत्रम् के बाद किया जाता है और इसके बाद वेदोक्तम रात्रि सूक्तम् का पाठ किया जाता है। कीलकम् एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है जो चण्डी पाठ से पहले सुनाया जाता है।

विवाह पंचमी क्यों मनाई जाती है

मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है जो भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह की स्मृति में मनाया जाने वाला पवित्र पर्व है। सनातन धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व है।

यशोदा जायो ललना मैं वेदन में सुन आई (Yashoda Jaayo Lalna Mai Vedan Me Sun Aayi)

यशोदा जायो ललना,
मैं वेदन में सुन आई,

पहली बार सकट चौथ करते समय इन बातों का ध्यान रखें

हिंदू धर्म में संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि से जुड़े कई व्रत-त्योहार हैं। जिनमें से सकट चौथ का पर्व विशेष माना जाता है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन महिलाएं संतान की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।

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