हे जग स्वामी, अंतर्यामी, तेरे सन्मुख आता हूँ (He Jag Swami Anataryami, Tere Sanmukh Aata Hoon)

हे जग स्वामी, अंतर्यामी,

तेरे सन्मुख आता हूँ ।


सन्मुख आता, मैं शरमाता

भेंट नहीं कुछ लाता हूँ

॥ हे जग स्वामी...॥


पापी जन हूँ, मैं निर्गुण हूँ

द्वार तेरे पर आता हूँ

॥ हे जग स्वामी...॥


मुझ पर प्रभु कृपा कीजे

पापों से पछताता हूँ

॥ हे जग स्वामी...॥


पाप क्षमा कर दीजे मोरे,

मन से ये ही चाहता हूँ

॥ हे जग स्वामी...॥


हे जग स्वामी, अंतर्यामी,

तेरे सन्मुख आता हूँ ।

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श्री गंगा मैया की आरती

ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता॥

नारायणी शरणम्(Narayani Sharanam)

नारायणी शरणम
दोहा – माँ से भक्ति है,

महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ की कृपा से मिलेगा मनचाहा दूल्हा

सनातन धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है, क्योंकि यह भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का शुभ अवसर माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था।

दर्श अमावस्या के उपाय क्या हैं?

हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो पितरों को समर्पित है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष पूजा-अर्चना, तर्पण और दान किया जाता है।

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