हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन (Hey Dukh Bhanjan Maruti Nandan)

हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,

सुन लो मेरी पुकार ।

पवनसुत विनती बारम्बार ॥


हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,

सुन लो मेरी पुकार ।

पवनसुत विनती बारम्बार ॥


अष्ट सिद्धि, नव निधि के दाता,

दुखिओं के तुम भाग्यविधाता ।

सियाराम के काज सवारे,

मेरा करो उद्धार ॥

पवनसुत विनती बारम्बार ।


हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,

सुन लो मेरी पुकार ।

पवनसुत विनती बारम्बार ॥


अपरम्पार है शक्ति तुम्हारी,

तुम पर रीझे अवधबिहारी ।

भक्तिभाव से ध्याऊं तोहे,

कर दुखों से पार ॥

पवनसुत विनती बारम्बार ।


हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,

सुन लो मेरी पुकार ।

पवनसुत विनती बारम्बार ॥


जपूँ निरंतर नाम तिहरा,

अब नहीं छोडूं तेरा द्वारा ।

रामभक्त मोहे शरण मे लीजे,

भाव सागर से तार ॥

पवनसुत विनती बारम्बार ।


हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,

सुन लो मेरी पुकार ।

पवनसुत विनती बारम्बार ॥


हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,

सुन लो मेरी पुकार ।

पवनसुत विनती बारम्बार ॥

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नंदरानी कन्हयो जबर भयो रे(Nandrani Kanhaiya Jabar Bhayo Re)

नंदरानी कन्हयो जबर भयो रे,
मेरी मटकी उलट के पलट गयो रे ॥

उत्पन्ना एकादशी के उपाय

उत्पन्ना एकादशी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और घर-परिवार में खुशहाली बनी रहती है।

बैल दी सवारी कर आया हो (Bail Di Swari Kar Aaya Ho)

बैल दी सवारी कर आया हो
मेरा भोला भंडारी,

सूर्यग्रहण में सूतक क्या होता है

हर ग्रहण के दौरान एक सूतक काल होता है। जिसमें कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। सूतक काल का खास महत्व होता है। यह धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है।

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