तेरे बिना श्याम, हमारा नहीं कोई रे(Tere Bina Shyam Hamara Nahi Koi Re)

तेरे बिना श्याम,

हमारा नहीं कोई रे,

हमारा नहीं कोई रे,

सहारा नहीं कोई रे,

तेरें बिना श्याम,

हमारा नहीं कोई रे ॥


अमुवा की डाली पे

पिंजरा टंगाया,

उड गया सूवा,

पढ़ाया नहीं कोई रे,

तेरें बिना श्याम,

हमारा नहीं कोई रे ॥


गहरी गहरी नदियाँ,

नाव पुरानी,

डूबण लागी नाव,

बचाया नहीं कोई रे,

तेरें बिना श्याम,

हमारा नहीं कोई रे ॥


भाई और बंधू,

कुटुम्ब कबीलो,

बिगड़ी जो बात,

बनाया नहीं कोई रे,

तेरें बिना श्याम,

हमारा नहीं कोई रे ॥


कहत कबीर,

सुनो भाई साधो,

गुरु बिन ज्ञान,

सिखाया नहीं कोई रे,

तेरें बिना श्याम,

हमारा नहीं कोई रे ॥


तेरे बिना श्याम,

हमारा नहीं कोई रे,

हमारा नहीं कोई रे,

सहारा नहीं कोई रे,

तेरें बिना श्याम,

हमारा नहीं कोई रे ॥

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जय हो, जय हो महाकाल राजा (Jai Ho Jai ho Mahakal Raja)

जय हो जय हो महाकाल राजा,
तेरी किरपा की छाई है छाया ।

ये चमक ये दमक (Ye Chamak Ye Damak)

ये चमक ये दमक,
फूलवन मा महक,

हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी (He Hans Vahini Gyan Dayini)

हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी
अम्ब विमल मति दे

ललिता देवी मूल मंत्र और स्तोत्र

ललिता जयंती का पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। अगर व्यक्ति पूरी श्रद्धा के साथ मां की पूजा करे तो मां उसे शक्ति प्रदान करती हैं।

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