हे राम, हे राम (Hey Ram, Hey Ram)

हे राम, हे राम

जग में साचो तेरो नाम

हे राम, हे राम


तू ही माता, तू ही पिता है

तू ही माता, तू ही पिता है

तू ही तो है, राधा का श्याम

हे राम, हे राम


तू अंतर्यामी, सबका स्वामी

तू अंतर्यामी, सबका स्वामी

तेरे चरणों में, चारो धाम

हे राम, हे राम


तू ही बिगड़े, तू ही सवारे

तू ही बिगड़े, तू ही सवारे

इस जग के, सारे काम

हे राम, हे राम


तू ही जगदाता, विश्वविधता

तू ही जगदाता, विश्वविधता

तू ही सुबह, तू ही शाम

हे राम, हे राम


हे राम, हे राम

जग में साचो तेरो नाम

हे राम, हे राम

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माँ दुर्गे आशीष दो (Maa Durge Ashish Do)

माँ दुर्गे आशीष दो माँ दुर्गे आशीष दो
मन मे मेरे वास हो तेरा चरणो संग प्रीत हो ॥

म्हारी हुंडी स्वीकारो महाराज रे सांवरा गिरधारी (Mari Hundi Swikaro Maharaj Re)

म्हारी हुंडी स्वीकारो महाराज रे,
सांवरा गिरधारी,

मां अन्नपूर्णा चालीसा (Maa Annapurna Chalisa)

विश्वेश्वर पदपदम की रज निज शीश लगाय ।
अन्नपूर्णे, तव सुयश बरनौं कवि मतिलाय ।

ऋषि पंचमी व्रत कथा (Rishi Panchami Vrat Katha)

श्री ऋषिपंचमी व्रत कथा (भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को किया जाने वाला व्रत) राजा सुताश्व ने कहा कि हे पितामह मुझे ऐसा व्रत बताइये जिससे समस्त पापों का नाश हो जाये।

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