हे राम, हे राम (Hey Ram, Hey Ram)

हे राम, हे राम

जग में साचो तेरो नाम

हे राम, हे राम


तू ही माता, तू ही पिता है

तू ही माता, तू ही पिता है

तू ही तो है, राधा का श्याम

हे राम, हे राम


तू अंतर्यामी, सबका स्वामी

तू अंतर्यामी, सबका स्वामी

तेरे चरणों में, चारो धाम

हे राम, हे राम


तू ही बिगड़े, तू ही सवारे

तू ही बिगड़े, तू ही सवारे

इस जग के, सारे काम

हे राम, हे राम


तू ही जगदाता, विश्वविधता

तू ही जगदाता, विश्वविधता

तू ही सुबह, तू ही शाम

हे राम, हे राम


हे राम, हे राम

जग में साचो तेरो नाम

हे राम, हे राम

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मैया बधाईं है बधाईं है (Maiya Badhai Hai Badhai Hai)

मैया बधाई है बधाई है,
बाबा बधाई है बधाई है,

ओढ़ चुनरियाँ मैया लाल चली (Odh Chunariya Maiya Lal Chali)

ओढ़ चुनरियाँ मैया लाल चली,
सिंघ सवारी पे है लगती भली ॥

रावण से जुड़ी है अखुरथ संकष्टी कथा

पौष माह में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि अखुरथ संकष्टी चतुर्थी कहलाती है। चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का पूजन किया जाता है जो कि हिंदू धर्म में प्रथम पूजनीय देवता हैं।

शिव अद्भुत रूप बनाए (Shiv Adbhut Roop Banaye)

शिव अद्भुत रूप बनाए,
जब ब्याह रचाने आए ॥

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