हे त्रिपुरारी गंगाधरी(Hey Tripurari Gangadhari)

हे त्रिपुरारी गंगाधरी,

सृष्टि के आधार,

शंकर किरपा करुणाकार,

भोले किरपा करुणाकार ॥


शिव शंकर है नाम तिहारा,

चंद्रशेखर शिव अगहारा,

दानी महादानी शिव शंकर,

दानी महादानी शिव शंकर,

करते बेड़ा पार,

शंकर किरपा करुणाकार,

भोले किरपा करुणाकार ॥


गौरा जी के प्राण प्यारे,

कार्तिक गणपत आँख के तारे,

त्रिपुंड धारी है नटराजा,

पहने सर्प हार,

शंकर किरपा करुणाकार,

भोले किरपा करुणाकार ॥


नीलकंठ जय भीमाशंकर,

महाकाल जय जय अभ्यंकर,

मृगछाला और भस्मी धारी,

जय जय डमरू धार,

शंकर किरपा करुणाकार,

भोले किरपा करुणाकार ॥


हे त्रिपुरारी गंगाधरी,

सृष्टि के आधार,

शंकर किरपा करुणाकार,

भोले किरपा करुणाकार ॥

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कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान कब करें

धार्मिक मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान करने और उचित दान-पुण्य करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त होता है।

माता जानकी के जन्म से जुड़ी कथा

माता जानकी का जन्म अष्टमी तिथि को हुआ था, जब राजा जनक ने एक दिन खेत जोतते समय एक कन्या को पाया। उन्होंने उसे अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया और उसका पालन-पोषण किया।

दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से (Dinanath Meri Baat Chani Koni Tere Se)

दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से

मेरी छोटी सी है नाव(Meri Chhoti Si Hai Naav)

मेरी छोटी सी है नाव,
तेरे जादू भरे पॉंव,

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