हम हो गए शंकर बाबा के (Hum Hogaye Shankar Baba Ke)

हम हाथ उठा कर कहते है,

हम हो गए शंकर बाबा के,

हम शीश झुका कर कहते है,

हम हो गए शंकर बाबा के ॥


हम हो गए शंकर बाबा के

हम हो गए भोलें बाबा के

हम हाथ उठा कर कहते है,

हम हो गए शंकर बाबा के,


कोई तुमसा ना भोलाभाला है

सारे जग का तू रख वाला है

हम हाथ उठा कर कहते है,

हम हो गए शंकर बाबा के,


जयकरा लगा कर कहते है

हम हो गए शंकर बाबा के

हम कल थे शंकर बाबा के,

हम आज भी शंकर बाबा के,

हम हाथ उठा कर कहते है

सदा रहेगे शंकर बाबा के,


सारी मोहमाया को छोड़ दिया,

बस तुमसे नाता जोड़ लिया,

सर ऊँचा करके कहते है,

हम हो गए शंकर बाबा के,

हम हाथ उठा कर कहतें है ॥


हम हाथ उठा कर कहते है,

हम हो गए शंकर बाबा के,

हम शीश झुका कर कहते है,

हम हो गए शंकर बाबा के ॥


........................................................................................................
सुन मेरी मात मेरी बात (Sun Meri Maat Meri Baat)

सुन मेरी मात मेरी बात,
छानी कोणी तेरे से,

श्री कृष्ण छठी की पौराणिक कथा (Shri Krishna Chhathi Ki Pauranik Katha)

भाद्रपद मास की छठी के दिन पूजा करने से भगवान होते हैं प्रसन्न, जानिए क्या है कृष्ण छठी की पौराणिक कथा

बसंत पंचमी पर गुलाल क्यों चढ़ाते हैं?

हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी का पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। कहते हैं कि इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन सरस्वती पूजा की जाती है। इस साल बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी।

इस मंदिर में होती है गुप्त नवरात्रि पर तंत्र-साधना

सनातन हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व को नारी शक्ति और देवी दुर्गा का प्रतीक माना जाता है। यह त्योहार देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा को समर्पित है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने