जगत के सर पर जिनका हाथ, वही है अपने भोले नाथ(Jagat Ke Sar Par Jinka Hath Vahi Hai Apne Bholenath)

जगत के सर पर जिनका हाथ,

वही है अपने भोले नाथ,

जिन चरणों में सदा झुकाती,

जिन चरणों में सदा झुकाती,

सारी दुनिया माथ,

वही है अपने भोले नाथ,

वही है अपने भोले नाथ ॥


श्रष्टि के पालक तुम ही,

कुशल संचालक तुम ही,

तुम्ही हो जग विस्तारक,

तुम्ही इसके संघारक,

जिनको पाकर कभी ना समझे,

जिनको पाकर कभी ना समझे,

खुद को कोई अनाथ,

वही है अपने भोले नाथ,

वही है अपने भोले नाथ ॥


हिमालय पर तुम रहते,

मार मौसम की सहते,

गले में सर्प लपेटे,

मगन मन रहते लेटे,

भूत प्रेत बेताल हमेशा,

भूत प्रेत बेताल हमेशा,

रहते जिनके साथ,

वही है अपने भोले नाथ,

वही है अपने भोले नाथ ॥


कृपा सब पर बरसाते,

सभी का मन हर्षाते,

भक्त गण जब भी टेरे,

सदा जो दौड़े आते,

अनुज ‘देवेंद्र’ भी पाकर जिनको,

अनुज ‘देवेंद्र’ भी पाकर जिनको,

अब हो गए सनाथ,

वही है अपने भोले नाथ,

वही है अपने भोले नाथ ॥


जगत के सर पर जिनका हाथ,

वही है अपने भोले नाथ,

जिन चरणों में सदा झुकाती,

जिन चरणों में सदा झुकाती,

सारी दुनिया माथ,

वही है अपने भोले नाथ,

वही है अपने भोले नाथ ॥

........................................................................................................
भीष्म अष्टमी कब है, शुभ मुहूर्त एवं योग

माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को भीष्म अष्टमी मनाई जाती है। कहा जाता है कि इसी दिन बाणों की शय्या पर लेटे भीष्म पितामह ने अपने प्राण त्याग किए थे। इसलिए सनातन धर्म में यह तिथि अत्यंत शुभ मानी गई है।

सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हें (Sabse Pahle Gajanan Manaya Tumhe)

सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हे,
तेरा सुमिरण करे आज आ जाइये,

बुध त्रयोदशी व्रत कथा

एक समय की बात हे नैमिषारण्य तीर्थ में अनेकों ऋषियों ने सूत जी महाराज से पूछा, हे भगवन! हमें प्रदोष व्रतों में उत्तम बुध प्रदोष के विषय में बताइये। तब सूत जी महाराज ने कहा।

मेरे हनुमान का तो, काम ही निराला है (Mere Hanuman Ka To Kaam Hi Nirala Hai)

मेरे हनुमान का तो,
काम ही निराला है ॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने