जगत में कोई ना परमानेंट(Jagat Me Koi Na Permanent)

जगत में कोई ना परमानेंट,

जगत में कोई ना परमानेंट,

तेल चमेली चन्दन साबुन,

तेल चमेली चन्दन साबुन,

चाहे लगालो सेंट,

जगत में कोईं ना परमानेंट,

जगत में कोईं ना परमानेंट ॥


आवागमन लगा दुनिया में,

जगत है रेस्टोरेंट,

रे प्यारे जगत है रेस्टोरेंट,

अंत समय में उड़ जाएंगे,

अंत समय में उड़ जाएंगे,

तेरे तम्बू टेंट,

जगत में कोईं ना परमानेंट,

जगत में कोईं ना परमानेंट ॥


राष्ट्रपति हो कर्नल जनरल,

या हो लेफ्टिनेंट,

रे प्यारे या हो लेफ्टिनेंट,

काल सभी को खा जाएगा,

काल सभी को खा जाएगा,

लेडीज हो या जेंट्स,

जगत में कोईं ना परमानेंट,

जगत में कोईं ना परमानेंट ॥


हरिद्वार चाहे, काशी मथुरा*,

घूमो दिल्ली केंट,

रे प्यारे घूमो दिल्ली केंट,

मन में नाम प्रभु का राखो,

मन में नाम प्रभु का राखो,

धोती पहनो या पेंट,

जगत में कोईं ना परमानेंट,

जगत में कोईं ना परमानेंट ॥


साधू संत की संगत करलो ,

ये सच्ची गोरमेंट,

रे प्यारे ये सच्ची गोरमेंट,

लाल सिंह कहे इस दफ्तर से,

'लाल सिंह' कहे इस दफ्तर से’,

मत होना एब्सेंट,

जगत में कोईं ना परमानेंट,

जगत में कोईं ना परमानेंट ॥


जगत में कोई ना परमानेंट,

जगत में कोई ना परमानेंट,

तेल चमेली चन्दन साबुन,

तेल चमेली चन्दन साबुन,

चाहे लगालो सेंट,

जगत में कोईं ना परमानेंट,

जगत में कोईं ना परमानेंट ॥

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होली खेलन आयो श्याम, आज(Holi Khelan Aayo Shyam, Aaj)

होली खेलन आयो श्याम
होली खेलन आयो श्याम,

श्री शनिवार व्रत कथा

एक समय समस्त प्राणियों का हित चाहने वाले मुनियों ने नैमिषारण्य बन में एक सभा की उस समय व्यास जी के शिष्य सूत जी शिष्यों के साथ श्रीहरि का स्मरण करते हुए वहाँ पर आये।

परदेस जा रहे हो, कैसे जियेंगे हम (Parades Ja Rahe Ho, Kaise Jiyenge Hum)

परदेस जा रहे हो,
कैसे जियेंगे हम,

श्री लक्ष्मीनृसिंह स्तोत्रम्

श्रीमत्पयोनिधिनिकेतन चक्रपाणेभोगीन्द्रभोगमणिरञ्जितपुण्यमूर्ते।

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