जगमग हुईं अयोध्या नगरी, सन्त करें गुणगान (Jagmag Hui Ayodhya Nagari Sant Kare Gungan)

जगमग हुई अयोध्या नगरी,

रतन सिंहासन राम विराजें,

आई घड़ी महान,

धूमधाम से अवधपुरी में,

हो मंदिर निर्माण,

अँखियाँ तरस गई सदियों से,

झूमे सकल जहान,

जगमग हुईं अयोध्या नगरी,

सन्त करें गुणगान ॥



तड़प रहे थे भक्त राम के,

कब वो शुभ दिन आये,

संतों का संकल्प अवध में,

प्रभु का घर बन जाये,

मन में था विश्वास एक दिन,

प्रभु मंदिर में आएं,

इसके ख़ातिर भक्त हजारों,

हो गए हैं कुर्बान,

धूमधाम से चलो अवध में,

हो मंदिर निर्माण,

जगमग हुईं अयोध्या नगरी,

सन्त करें गुणगान ॥


जले दीप बज रहे नगाड़े,

दे जयघोष सुनाई,

जन- जन में खुशियां है छाई,

घड़ी सुहानी आयी,

भारत माँ के हॄदय पटल पर,

बजने लगी शहनाई,

भक्तों के भगवान विराजें,

संतों के अरमान,

धूमधाम से चलो अवध में,

हो मंदिर निर्माण,

जगमग हुईं अयोध्या नगरी,

सन्त करें गुणगान ॥


रतन सिंहासन राम विराजें,

आई घड़ी महान,

धूमधाम से अवधपुरी में,

हो मंदिर निर्माण,

अँखियाँ तरस गई सदियों से,

झूमे सकल जहान,

जगमग हुई अयोध्या नगरी,

सन्त करें गुणगान ॥

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श्री बगलामुखी चालीसा (Shri Baglamukhi Chalisa)

नमो महाविद्या बरदा, बगलामुखी दयाल।
स्तम्भन क्षण में करे, सुमरित अरिकुल काल।।

बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा (Banke Bihari Re Door Karo Dukh Mera)

बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा,
दूर करो दुख मेरा, बिहारी जी,

विवाह पंचमी क्यों मनाई जाती है

मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है जो भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह की स्मृति में मनाया जाने वाला पवित्र पर्व है। सनातन धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व है।

रघुनन्दन राघव राम हरे (Raghunandan Raghav Ram Hare Dhun)

रघुनन्दन राघव राम हरे
सिया राम हरे सिया राम हरे ।

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