शिव कैलाशो के वासी (Shiv Kailasho Ke Vasi)

शिव कैलाशो के वासी,

धौली धारों के राजा,

शंकर संकट हरना,

शंकर संकट हरना ॥


तेरे कैलाशों का अंत ना पाया,

तेरे कैलाशों का अंत ना पाया,

अंत बेअंत तेरी माया,

ओ भोले बाबा,

अंत बेअंत तेरी माया,

शिव कैलाशों के वासी,

धौली धारों के राजा,

शंकर संकट हरना,

शंकर संकट हरना ॥


बेल की पत्तियां भांग धतुरा,

बेल की पत्तियां भांग धतुरा,

शिव जी के मन को लुभायें,

ओ भोले बाबा,

शिव जी के मन को लुभायें

शिव कैलाशों के वासी,

धौली धारों के राजा,

शंकर संकट हरना,

शंकर संकट हरना ॥


एक था डेरा तेरा,

चम्बे रे चौगाना,

दुज्जा लायी दित्ता भरमौरा,

ओ भोले बाबा,

दुज्जा लायी दित्ता भरमौरा,

शिव कैलाशों के वासी,

धौली धारों के राजा,

शंकर संकट हरना,

शंकर संकट हरना ॥


शिव कैलाशो के वासी,

धौली धारों के राजा,

शंकर संकट हरना,

शंकर संकट हरना ॥

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हनुमान जयंती दो बार क्यों मनाई जाती है?

हनुमान जी भगवान श्रीराम के परम भक्त हैं। इसलिए, श्रीराम की पूजा में भी हनुमान जी का विशेष महत्व है। हनुमान जी को संकटमोचन भी कहा जाता है, क्योंकि वे अपने भक्तों के सभी दुःख और कष्ट हर लेते हैं।

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कर लूँगा दो-दो बात मैं,
उस काल के आगे,

सत्यनारायण व्रत विधि

भगवान सत्यनारायण, भगवान विष्णु का ही स्वरूप हैं। सत्यनारायण की पूजा का असल अर्थ है 'सत्य की नारायण के रूप' में पूजा। भगवान सत्यनारायण व्रत हिंदू धार्मिक मान्यता में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

कब दर्शन देंगे राम परम हितकारी (Kab Darshan Denge Ram Param Hitkari)

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