शिव कैलाशो के वासी (Shiv Kailasho Ke Vasi)

शिव कैलाशो के वासी,

धौली धारों के राजा,

शंकर संकट हरना,

शंकर संकट हरना ॥


तेरे कैलाशों का अंत ना पाया,

तेरे कैलाशों का अंत ना पाया,

अंत बेअंत तेरी माया,

ओ भोले बाबा,

अंत बेअंत तेरी माया,

शिव कैलाशों के वासी,

धौली धारों के राजा,

शंकर संकट हरना,

शंकर संकट हरना ॥


बेल की पत्तियां भांग धतुरा,

बेल की पत्तियां भांग धतुरा,

शिव जी के मन को लुभायें,

ओ भोले बाबा,

शिव जी के मन को लुभायें

शिव कैलाशों के वासी,

धौली धारों के राजा,

शंकर संकट हरना,

शंकर संकट हरना ॥


एक था डेरा तेरा,

चम्बे रे चौगाना,

दुज्जा लायी दित्ता भरमौरा,

ओ भोले बाबा,

दुज्जा लायी दित्ता भरमौरा,

शिव कैलाशों के वासी,

धौली धारों के राजा,

शंकर संकट हरना,

शंकर संकट हरना ॥


शिव कैलाशो के वासी,

धौली धारों के राजा,

शंकर संकट हरना,

शंकर संकट हरना ॥

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माघ माह में स्नान का क्या है धार्मिक महत्व

माघ का महीना हिंदू धर्म में पवित्र महीनों में से एक माना जाता है। इस महीने में स्नान करने का विशेष महत्व है, जिसे माघ स्नान कहते हैं। मान्यता है कि माघ महीने में देवता पृथ्वी पर आते हैं और पवित्र नदियों में स्नान करते हैं।

गुरु प्रदोष व्रत: शिव मृत्युञ्जय स्तोत्र का पाठ

प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि को किया जाता है, जो भगवान शिव को समर्पित तिथि है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। मार्गशीर्ष मास में कृष्ण पक्ष के प्रदोष व्रत का वर्णन और महत्व धार्मिक ग्रंथों और पंचांग में बताया गया है।

मेरो राधा रमण गिरधारी (Mero Radha Raman Girdhaari)

मेरो राधा रमण गिरधारी,
गिरधारी श्याम बनवारी,

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