जय जगजननी माँ, भवानी मैय्या शारदा हो माँ - भजन (Jai Jag Janani Maa Bhawani Maiya Sharda Ho Maa)

जय जगजननी माँ,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ,

अंबे जगदंबे जगदंबिके,

जग की पालनहार,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ,

जय जगजननी मां,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ ॥


नवदुर्गा माँ मंगलकारी,

सिंहसवारी सब पे भारी,

शक्तिशाली अपार,

भवानी मैय्या,

ऊंची पहाडी पे द्वार,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ,

जय जगजननी मां,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ ॥


नवदुर्गे माँ नौरूप तेरे,

नौरंगी माँ नौरंग तेरे,

लिला अपरंपार,

ओ मैय्या तेरी,

महिमा अपरंपार,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ,

जय जगजननी मां,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ ॥


अश्विन चैत्र महिना आवे,

नौरात्री के नौ दिन आवे,

मेला लगे तेरे द्वार,

भवानी मैय्या,

भगत करे जयकार,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ,

जय जगजननी मां,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ ॥


भगतो की माँ सुनलो अरजीया,

दौडे दौडे आये मैय्या तेरी मढीयाँ,

धन के भरो भंडार,

भवानी मैय्या,

हरलो क्लेश विकार,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ,

जय जगजननी मां,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ ॥


जय जगजननी माँ,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ,

अंबे जगदंबे जगदंबिके,

जग की पालनहार,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ,

जय जगजननी मां,

भवानी मैय्या शारदा हो माँ ॥

........................................................................................................
पौष माह में क्या करें और क्या नहीं

हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह साल का 10 वां, महीना होता है जो मार्गशीर्ष पूर्णिमा के बाद शुरू होता है। वैदिक पंचाग के अनुसार इस साल पौष माह 16 दिसंबर से प्रारंभ हो चुकी है।

हनुमानजी कभी मेरे घर भी पधारो (Hanuman Ji Kabhi Mere Ghar Bhi Padharo)

हनुमानजी कभी मेरे घर भी पधारो,
बुद्धि विवेक की बारिश करके,

शंभू ये तेरी माया, कहीं है धूप कहीं है छाया(Shambhu Ye Teri M aya Kahin Hai Dhup Kahin Hai Chaya)

शंभू ये तेरी माया,
कहीं है धूप कहीं है छाया,

कीर्तन रचो है म्हारे आंगने(Kirtan Racho Hai Mhare Angane)

कीर्तन रचो है म्हारे आंगने,
आओ-आओ गौरा जी रा लाल,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।