जय जय देवा जय गणपति देवा (Jai Jai Deva Jai Ganpati Deva)

जय जय देवा जय गणपति देवा,

माता है गौरी पिता महादेवा,

मूषक आपकी सवारी है देवा,

माता है गौरी, पिता महादेवा,

जय जय देवा ॥


एक दन्त दयावन्त चार भुजाधारी,

लड्डुअन का भोग लगे मूसे की सवारी,

भोग लगता मोदक और मेवा,

माता है गौरी पिता महादेवा,

जय जय देवा ॥


सबसे पहले होता है आपका पूजन,

गणपति बप्पा पुकारे सारे भक्तजन,

ऋषि मुनि संत भक्त करे सेवा,

माता है गौरी पिता महादेवा,

जय जय देवा ॥


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म्हारी झुँझन वाली माँ, पधारो कीर्तन में(Mhari Jhunjhan Wali Maa Padharo Kirtan Me)

म्हारी झुँझन वाली माँ,
पधारो कीर्तन में,

मैया जी घर आए (Maiya Ji Ghar Aaye)

मैया जी घर आए,
गौरी माँ, माँ शारदा,

महादेव शंकर हैं जग से निराले - भजन (Mahadev Shankar Hain Jag Se Nirale)

महादेव शंकर हैं जग से निराले,
बड़े सीधे साधे बड़े भोले भाले ।

काशी के कोतवाल काल भैरव

काशी के राजा भगवान विश्वनाथ और कोतवाल भगवान काल भैरव की जोड़ी हिंदू पौराणिक कथाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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