जय महांकाल जय महांकाल (Jai Mahakal Jai Mahakal)

जय महाकाल जय महाकाल,

जय महांकाल जय महांकाल,

जो पाप ताप का हरता है,

जो युग परिवर्तन करता है,

माँ आदिशक्ति को साथ लिए,

जो बदल रहा है सृष्टि चाल,

जय महांकाल जय महांकाल,

जय महांकाल जय महांकाल ॥


जिसने सोतो को जगा दिया,

जागों को जिसने चला दिया,

चलतो को जिसने दौड़ाया,

निष्ठा को दी प्रेरक उछाल,

जय महांकाल जय महांकाल,

जय महांकाल जय महांकाल ॥


छल द्वेष दंभ को दूर करो,

सद्कर्मों का उत्थान करो,

सब भेद विषमता नष्ट करो,

है दुष्ट विनाशक महाज्वाल,

जय महांकाल जय महांकाल,

जय महांकाल जय महांकाल ॥


आओ देवत्व जगाने को,

धरती को स्वर्ग बनाने को,

अपनत्व सभी में विकसा दो,

है सज्जन के मानस मराल,

जय महांकाल जय महांकाल,

जय महांकाल जय महांकाल ॥


सद्भाव और सद्ज्ञान भरो,

सत्कर्मों का उत्थान करो,

प्रज्ञा प्रकाश जग में भरदो,

उज्जवल भविष्य की के मशाल,

जय महांकाल जय महांकाल,

जय महांकाल जय महांकाल ॥


तुम हो अनादि तुम ही अन्नत,

तुमसे प्रेरित यह दीगंदिगंत,

परिवर्तन के आधार तुम्ही,

तुमसे प्रेरित यह जग विशाल,

जय महांकाल जय महांकाल,

जय महांकाल जय महांकाल ॥


जय महाकाल जय महांकाल,

जय महांकाल जय महांकाल,

जो पाप ताप का हरता है,

जो युग परिवर्तन करता है,

माँ आदिशक्ति को साथ लिए,

जो बदल रहा है सृष्टि चाल,

जय महांकाल जय महांकाल,

जय महांकाल जय महांकाल ॥

........................................................................................................
भजामि शंकराये नमामि शंकराये (Bhajami Shankaraye Namami Shankaraye)

भजामि शंकराये नमामि शंकराये,
त्रिलोचनाये शूलपाणी चंद्र शेखराये,

कितने दिन रहेगी माघ गुप्त-नवरात्रि

सनातन हिंदू धर्म में विभिन्न त्योहार मनाए जाते हैं। नवरात्रि भी इन्हीं में से एक है। एक साल में 4 बार नवरात्रि मनाई जाती है। इनमें से 2 नवरात्रि प्रत्यक्ष और 2 गुप्त मानी जाती हैं।

गौरा ने घोट कर, पीस कर छान कर(Gora Ne Ghot Kar Piskar Chhankar)

गौरा ने घोट कर,
पीस कर छान कर,

बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया - भजन (Brij Ke Nandlala Radha Ke Sanwariya)

बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया ।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने